जांजगीर-चांपा। जिले के अमरताल गांव स्थित धान संग्रहण केंद्र में रखे धान को ठीक से ढंककर रखा नहीं गया। इस वजह से धान बारिश में भींगकर अंकुरित हो रहा है। जिले के कांग्रेस विधायक ब्यास कश्यप का आरोप है कि करीब चार लाख क्विंटल धान बारिश में भींगकर अंकुरित हो गया है।
कांग्रेस विधायक ब्यास कश्यप का आरोप है कि अमरताल गांव में बने धान संग्रहण केंद्र में धान के रखरखाव की कोई व्यवस्था नहीं है। जिले में एक हफ्ते से रुक-रुककर हो रही बारिश के चलते संग्रहण केंद्र में रखे धान अब सडऩे लगे हैं। विधायक का आरोप है कि लाखों-करोड़ों खर्च करने के बाद भी धान को रखने की व्यवस्था नाकाम साबित हुई। विधायक का आरोप है कि किसानों की गाढ़ी कमाई से अधिकारी खिलवाड़ कर रहे हैं। उनका कहना है कि जांजगीर-चांपा जिला के धान संग्रहण केंद्र में अभी भी चार लाख क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे है, जिसके रख-रखाव में संग्रहण प्रभारी पूरी तरह विफल रहे हैं। धान संग्रहण के लिए शासन के गाइडलाइन को दरकिनार कर बारिश से बचाने के कोई इंतजाम नहीं किया गया। ऐसे में अब खराब हो रहे धान को दूसरे बोरी मे भर कर अपनी बला टालने में अधिकारी जुटे हैं।
जिले समेत प्रदेश में जमकर बारिश
जिले समेत प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है। अच्छी बारिश से किसान भी खुश हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनकी धान की बंपर पैदावार होगी। हालांकि, पिछले साल भी जिले में धान की अच्छी खेती हुई और किसानों ने जमकर धान बेचा, लेकिन उनसे खरीदा गया धान अब इसी बारिश की भेंट चढ़ रहा है। बरसात में भी धान को सुरक्षित नहीं रख पाने के चलते धान पानी में पूरी तरह डूब गया है, जो अंकुरित होने लगा है।
63 लाख 27 हजार क्विंटल खरीदी
जांजगीर-चांपा जिले में शासन ने उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 63 लाख 27 हजार क्विंटल की धान खरीदी की। मिलिंग के बाद बचे धान को अमरताल गांव के संग्रहण केंद्र में रखा गया। मगर, धान खरीदी पूर्ण होने के पांच माह बाद भी धान की मिलिंग नहीं हो सकी। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण अधिकांश धान खुले आसमान नीचे अब तक रखा है।