रायगढ़। लैलूंगा ब्लॉक के कुंजारा गांव में शासकीय भूमि पर खुलेआम कब्ज़ा कर कोचिंग सेंटर व प्राइवेट कॉलेज की इमारत खड़ी कर दी गई है। यह ज़मीन राजस्व रिकॉर्ड में ‘जंगल मद’ के रूप में दर्ज है, लेकिन एक हलवाई से भू-माफिया बनने वाला इस पर अपना व्यवसायिक साम्राज्य चला रहा है। हैरत की बात यह है कि प्रशासन की नींद अब तक नहीं खुली।
खसरा नंबर 243/1 की 0.202 हेक्टेयर भूमि पर निर्माण कर लिया गया है। यह ज़मीन सार्वजनिक हित के लिए आरक्षित है, जिस पर निजी भवन का निर्माण सीधा कानून का उल्लंघन है। बावजूद इसके, न तहसील प्रशासन ने कार्रवाई की, न पंचायत ने आवाज उठाई।
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी
यह अतिक्रमण राजस्व अधिकारियों की जानकारी में होने के बावजूद अब तक जस का तस बना हुआ है। क्या यह लापरवाही है या सोची-समझी साजिश? जवाब किसी के पास नहीं। तहसीलदार शिवम पांडे का कहना है, ‘शिकायत मिली है, जांच की जा रही है।’ वही रटी-रटाई पंक्ति जो हर अवैध काम के बाद सुनने मिलती है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि गरीब झोपड़ी बनाएं तो बुलडोजर, और पैसेवाले कॉलेज बना दें तो जांच? ये दोहरा मापदंड अब बर्दाश्त नहीं होगा। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर अवैध निर्माण नहीं तोड़ा गया, तो उग्र आंदोलन होगा। बहरहाल अब तक भू-माफिया बेलगाम हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। समय रहते अगर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह प्रशासनिक विफलता की जीवित मिसाल बन जाएगा। फिलहाल जनता पूछ रही है कब जागेगा सिस्टम?
शासकीय ज़मीन पर प्राइवेट कॉलेज , प्रशासन बेखबर
राजस्व रिकॉर्ड में जंगल और जमीन पर कॉलेज , जनता पूछ रही कब जागेगा सिस्टम
