रायगढ़। केआईटी के कर्मचारियों ने गांधी चौक से लेकर नंदेली के शांति वन तक निकाली न्याय यात्रा, शहीद नंदकुमार पटेल को दी श्रद्धांजलि गांधी जयंती के दिन जिले में यात्राओं का बोल-बाला रहा। तमनार में जहां कोयला सत्याग्रह यात्रा का आयोजन हुआ तो जिला मुख्यालय में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने कार्यालय से महापल्ली तक राज्य सरकार की योजनाओं का बखान करते हुए भरोसे की यात्रा निकाली गई। सबसे पहले सत्तीगुड़ी चौक से नंदेली तक किरोड़ीमल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (केआईटी) के कर्मचारियों ने न्याय यात्रा निकाली। अपनी यात्रा से वे जिम्मेदार और आम जन से केआईटी बचाओ की अपील कर रहे थे। उनकी इस यात्रा को ट्रेड यूनियन, संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन का समर्थन मिला। सुबह 9:00 बजे की यात्रा शाम 5:00 बजे नंदेली स्थित शांतिवन पहुंची जहां केआईटी के कर्मचारियों ने शहीद नंदकुमार पटेल को श्रद्धांजलि दी और उनसे केआईटी की स्थिति बेहतर होने की प्रार्थना की। इस दौरान पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था थी। न्याय यात्रा में किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई। इसे न्याय यात्रा इसलिये कहा गया कि केआईटी के कर्मियों ने अपने तीन स्टॉफ के परिजनों को इलाज के अभाव में खो दिया जिनमें बंसती चौहान, कमला सिदार, अमीर बक्श शामिल है। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह यात्रा निकाली गई। यात्रा के दौरान हड़तालियों ने सडक़ पर आने-जाने वाले लोगों से केआईटी को बचाने की अपील की। रास्ते में जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल का घर पड़ा जहां कुछ कर्मी जाकर अपने आंदोलन के बारे में बताया और पर्चा दिया। हालांकि वह घर पर नहीं मिले। विदित हो कि पिछले 70 दिनों से केआईटी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। बीते 8 दिनों से उनका क्रमिक भूख हड़ताल जारी है। वे अपने 17 महीने के वेतन भुगतान सहित प्रमोशन, महंगाई भत्ता जैसी मांगों को लेकर हड़ताल में बैठे हैं। 70 दिन बाद भी उनसे शासन- प्रशासन की ओर से कोई मिलने तक नहीं आया है। ऐसे में इस आंदोलन के और लम्बा खींचे जाने की संभावना है। आंदोलन से वहां पढ़ रहे करीब 125 छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। लेकिन इन सभी से जिम्मेदारों ने मुंह मोड़ लिया है। उन्हें सिर्फ केआईटी कर्मियों के वेतन को डीएमएफ से देना आता है जो इस बार नहीं दिया गया है।
केआईटी को कभी भी आ सकती है आखिरी हिचकी

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lochan Gupta
