रायगढ़। जिले के बजरमुड़ा गांव में 415 करोड़ का मुआवजा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले के मुख्य आरोपी तत्कालीन स्ष्ठरू अशोक मार्बल को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। साथ ही मुआवजा घोटाले में शामिल तहसीलदार, आरआई, पटवारी समेत अलग-अलग विभागों के 7 कर्मचारियों पर स्नढ्ढक्र करने के आदेश दिए गए हैं।
सीएसपीजीसीएल को आबंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर-3 के बजरमुड़ा गांव में भू-अर्जन में यह घोटला किया गया। बताया जा रहा है कि 5 गांव जिसमें मिलूपारा, करवाही, खम्हरिया, ढोलनारा और बजरमुड़ा में 449.166 हेक्टेयर भूमि लीज में स्वीकृत की गई।
इसके बाद प्रभावित लोगों को मुआवजे के लिए राशि का आकलन प्रकरण एसडीएम घरघोड़ा अशोक मार्बल को प्रकरण दिया गया। प्रकरण में आगे की प्रक्रिया शुरू की गई। जहां 22 जनवरी 2021 को अवार्ड पारित किया गया। इसमें केवल बजरमुड़ा की 170 हेक्टेयर भूमि पर 478.68 करोड़ का मुआवजा पारित किया गया। ऐसे में सीएसपीजीसीएल कंपनी द्वारा इसमें आपत्ति की गई। तब एक आपत्ति का निराकरण करते हुए ब्याज को 32 माह से घटाकर 6 माह का किया गया और उसके बाद बाद मुआवजा 415.69 करोड़ हो गया।
असिंचित भूमि को सिंचित बताकर तैयार किया मुआवजा
जब इसकी जानकारी रायगढ़ के दुर्गेश शर्मा को लगी तो उन्होंने आरटीआई के तहत साल 2022 में जानकारी हासिल की। ऐसे में पता चला कि बजरमुड़ा में असिंचित भूमि को सिंचित बताकर, पेड़ों की संख्या ज्यादा दिखाकर, टिन शेड को पक्का निर्माण बताकर, बरामदे, कुएं, दुकान आदि का मनमानी मुआवजा आकलन किया गया है। परिसंपत्तियों के आकलन में जमकर गड़बड़ी की गई। जिसके बाद साल 2023 में दुर्गेश शर्मा ने इसकी शिकायत राजस्व मंडल और मंत्रालय में राजस्व सचिव से की गई।
जांच प्रतिवेदन के बाद कार्रवाई
जहां दुर्गेश शर्मा की शिकायत पर राज्य सरकार ने आईएएस रमेश शर्मा की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई। 6 से 8 दिसबंर तक जांच चली। जांच प्रतिवेदन जून 2024 में राज्य सरकार को पेश किया गया। इसके बाद मामले में आगे की जांच करते हुए राज्य सरकार ने एसडीएम अशोक मार्बल को सस्पेंड कर दिया है और उन्हें आयुक्त रायपुर संभाग में अटैच किया गया है।
इन पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
इसके साथ ही एसडीएम अशोक मार्बल समेत तत्कालीन तहसीलदार बंदेराम भगत, तत्कालीन आरआई मूलचंद कुर्रे, तत्कालीन पटवारी जितेन्द्र पन्ना, तत्कालीन परिसर रक्षक वन विभाग रामसेवक महंत, तत्कालीन वरिष्ठ उद्यान प्रभारी संजय भगत, तत्कालीन उपअभियंता लोक निर्माण विभाग धर्मेन्द्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
लाभार्थियों के खाते सीज होने चाहिए
शिकायतकर्ता दुर्गेश शर्मा ने बताया कि आरटीआई के तहत जानकारी निकाली गई थी। मामले में शिकायत के बाद जांच शुरू हुई और अब राज्य सरकार ने एसडीएम को सस्पेंड करने के साथ ही 7 लोगों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा जिन लाभार्थियों को मुआवजा दिया गया है, उनके खाते सीज कर उनसे रिकवरी करनी चाहिए। मामले में अब तक एफआईआर भी दर्ज नहीं हो सकी है।
बजरमुड़ा में 415 करोड़ का मुआवजा घोटाला
पूर्व एसडीएम सस्पेंड, 7 कर्मचारियों पर एफआईआर के आदेश, आरटीआई के तहत हुआ था खुलासा
