रायपुर। सेंट्रल जेल में कुनबी समाज के सचिव श्याम देशमुख से मारपीट करवाने का शिक्षक नेतराम नाकतोड़े पर आरोप लगा था। जिसके बाद जेल प्रशासन ने उसे सस्पेंड कर दिया है। समाज के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान विजय शर्मा ने प्रतिनिधियों को कार्रवाई की जानकारी दी और निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। वही, इस मामले में कुनबी समाज ने एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। गृहमंत्री ने जांच के बाद एफआईआर और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इससे पहले शनिवार को कुनबी समाज के लोग भी थाने पहुंचे थे। मारपीट करवाने वाले शिक्षक के खिलाफ स्नढ्ढक्र की मांग की थी। लेकिन पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी, जबकि उसका पैर टूट गया है। जिसके बाद पत्नी ने ठेले पर घायल पति को लेकर न्याय मांगने सडक़ पर निकली थी। कुनबी समाज के सचिव श्याम देशमुख, समाज के अध्यक्ष देवराज पारधी और पुरुषोत्तम तोंडरे 4 जून से न्यायिक रिमांड पर जेल में बंद थे। तीनों शुक्रवार देर शाम जेल से रिहा हुए। जेल से बाहर निकलने के बाद श्याम देशमुख सीधे अपने परिवार के साथ अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने अपने परिजनों को जेल के भीतर हुई मारपीट की घटना की जानकारी दी। श्याम देशमुख ने पुलिस थाने पहुंचकर बताया कि, जेल के शिक्षक नेतराम नाग तोड़े ने उनके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी। साथ ही अन्य कैदियों से पिटाई करवाई। जिससे उनके पैर में गंभीर चोट आई है। इस घटना से आहत कुनबी समाज के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। जेल के अंदर हुई मारपीट की घटना के विरोध में समाज के सदस्य शनिवार सुबह से गंज थाने में पहुंचे। सभी ने मांग की थी कि मारपीट करवाने वाले जेल के शिक्षक नेतराम नागतोड़े के खिलाफ एफआईआर की जाए। वहीं खबर लिखे जाने तक इस मामले में पुलिस की ओर से पीडि़त की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। समाज के लोग इस मामले में कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं। समाज की सदस्य माधुरी तोंडरे ने बताया कि वे कल से पुलिस से दर्ज करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक जेल के अंदर मारपीट करने वाले और कैदियों से मारपीट करवाने वाले शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। समाज के लोगों का कहना है कि, जब जेल में शिक्षक ही हमलावर बन जाए और पुलिस शिकायत भी न ले, तो जनता कहां जाए। ये किसी एक की नहीं, पूरे समाज की लड़ाई है। ये हमला सिर्फ श्याम देशमुख पर नहीं, बल्कि पूरे समाज की आवाज को दबाने की कोशिश है। जेल के अंदर मारपीट के मामले को लेकर जब रायपुर सेंट्रल जेल प्रशासन से संपर्क किया गया तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला। जेल शिक्षक नेतराम नागतोड़े से संपर्क किया गया तो उनका भी फोन बंद था। इस मामले में गंज थाना प्रभारी ने बताया कि, पीडि़त की ओर से शिकायत मिली है। मामला जेल परिसर के अंदर का है। ऐसे में हम सीधे एफआईआर नहीं कर सकते है। जो शिकायत मिली है, उसे जेल प्रशासन को भेजा गया है। जेल से मामले की जांच के बाद एफआईआर की जाएगी।