रायगढ़। जिले में छ्वस्ङ्ख कंपनी के वादाखिलाफी के खिलाफ ग्रामीण आंदोलन में उतर गए हैं। पर्यावरण दिवस से प्रभावित गांव के लोग नौकरी और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका साफ कहना है कि, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा।
ग्रामीणों ने बताया कि, पहले भी संचालित मोनेट कंपनी ने भू-अर्जन किया। जिसके बाद प्रभावित भूमिहीनों को कंपनी ने नौकरी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन कई लोगों को अब तक नौकरी नहीं मिली है। जिस कारण ग्रामीण अब आंदोलन कर रहे हैं। इसके लिए पहले भी आवेदन दे चुके हैं।
जिसमें बताया गया था कि, गोद लिए गए 9 गांवों में विकास के काम, प्रदूषण पर नियंत्रण और ग्रामवासियों की सुविधाओं के लिए सीएसआर मद से विकास के काम कराने के लोक लुभावन वादे तो किए। लेकिन कंपनी के मालिक ने बीच में ही इस कंपनी को जेएसडब्ल्यू के हवाले कर दिया। ग्रामीणों की मांगे अधूरी की अधूरी रह गई।
पुलिस अधिकारियों ने दी समझाइश
इसलिए कपंनी वादाखिलाफी के खिलाफ बड़ी संख्या में ग्रामीण पर्यावरण दिवस के दिन से धरना प्रदर्शन में कर रहे हैं। आज कंपनी के बाहर खड़े होकर जमकर हंगामा भी किया। ग्रामीणों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस के अधिकारी और जवान भी मौके पर पहुंच गए। उन्हें समझाइश देने की कोशिश की गई। प्रदर्शन कर रही हारमति राठिया ने कहा कि, उसके पति की मौत हो चुकी थी, लेकिन उसके बदले मुझे नौकरी नहीं दी गई। जबकि उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया था। कपंनी के अधिकारियों से पहले भी चर्चा की गई, लेकिन उसके बाद भी अब तक नौकरी नहीं मिली। इस कारण अब आंदोलन किया जा रहा है।
आंदोलन जारी रहेगा
प्रदर्शनकारी फूल बाई ने बताया कि, यहां रोजीरोटी के लिए आंदोलन किया जा रहा है। हमारी जमीन में कंपनी बनी, लेकिन आज तक नौकरी नहीं दिया गया है। जब तक मांग पूरी नहीं होगी, यह हड़ताल जारी रहेगा।
जेएसडब्लू के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन
महिलाएं बोलीं- जमीन अधिग्रहित की, लेकिन प्रभावितों को नहीं दी नौकरी, कंपनी पर वादाखिलाफी का लगया आरोप
