धरमजयगए़। सरकारी कार्यशैली की छवि अक्सर अपनी मंद गति को लेकर विवादों में रही है। कई बार हालत ऐसे बन जाते हैं जिनमें कुछ काम वर्षों से लंबित रहते हैं। बावजूद इसके इन कार्यों को लेकर जिम्मेदार अधिकारी से लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधि कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं लेकिन जैसे ही मामला थोड़ा सा गंभीर होता है तो जिम्मेदारों का कामकाज ऐसा हो जाता है मानो लोक कल्याण उनकी प्राथमिकता सूची में शामिल हो। ऐसा ही एक मामला रायगढ़ जिले के छाल एसईसीएल उप क्षेत्र में सामने आया है। जिसमें मांड नदी पर बने हुए एक सेतु मरम्मत को लेकर सक्रियता दो साल बाद अचानक बढ़ गई है। इस मामले में पीडब्ल्यूडी सेतु निर्माण संभाग रायगढ़ के मुख्य कार्यपालन अभियंता ने खरसिया, एडू छाल मार्ग पर मांड नदी पर एसईसीएल द्वारा बनाए गए मांड सेतु की मरम्मत कराने को लेकर पत्र लिखा है। रायगढ़ एसईसीएल महाप्रबंधक को संबोधित इस पत्र में कहा गया है कि एसईसीएल द्वारा निर्मित उक्त सेतु का रेलिंग और बेयरिंग कोट क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके चलते दुर्घटना की संभावना बनी रहती है, साथ ही आवागमन भी सुगमता से नहीं हो पा रहा है। इस सेतु पर यात्री वाहनों के साथ साथ व्यावसायिक एवं कोयला परिवहन करने वाली वाहनों का लगातार परिचालन होता है ऐसे में इस पुल की मरम्मत के लिए स्थानीय लोगों और जन प्रतिनिधियों द्वारा रोष व्यक्त किया जाता है। बीते तीन जून को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि इसके पहले भी इस मामले को लेकर सूचित किया गया था लेकिन अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। इस मामले में मुख्य कार्यपालन अभियंता ने जल्द से जल्द सेतु मरम्मत कराने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि इसके पहले इस सेतु मरम्मत को लेकर करीब दो साल पूर्व भी पत्राचार किया गया था। इन दो वर्षों के दौरान सेतु मरम्मत को लेकर किसी ने भी कोई जहमत नहीं उठाई। मालूम हो कि इस सेतु के पास बीते दिनों हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। जिसके तत्काल बाद अब इस सेतु मरम्मत को लेकर फिर से पत्राचार किया गया है।