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NavinKadam > रायगढ़ > लैलूंगा के लिबरा धान खरीदी केंद्र प्रांगण में जैविक किसान मेला का भव्य आयोजन
रायगढ़

लैलूंगा के लिबरा धान खरीदी केंद्र प्रांगण में जैविक किसान मेला का भव्य आयोजन

जैविक खेती को लेकर किसानों में बढ़ी जागरूकता

lochan Gupta
Last updated: June 4, 2025 2:56 am
By lochan Gupta June 4, 2025
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7 Min Read

लैलूंगा, लिबरा। जैविक खेती को प्रोत्साहित करने और किसानों को इसके लाभों से अवगत कराने के उद्देश्य से लैलूंगा विकासखंड के लिबरा धान खरीदी केंद्र प्रांगण में जिला स्तरीय जैविक किसान मेला का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक सिदार ,मुकडेगा मंडल अध्यक्ष संजय पटेल, की अध्यक्षता ,विशिस्ट अतिथि नारायण पुर जनपद सदस्य मोहन शशि कला, पूर्व जनपद सदस्य दसमति पैंकरा, कृष्णा यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक जायसवाल , सहित जनप्रतिनिधियों और किसान और कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों, पशुधन विभाग के अधिकारी कर्मचारी, मत्स्य विभाग के साथ ग्रामीणों का गरिमामय उपस्थित में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मेले में सैकड़ों किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और जैविक खेती से जुड़ी जानकारी हासिल की। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी फ्लेस्वर पैंकरा वरिष्?ठ, उद्यान विभाग के अधिकारी जे,एस तोमर , ग्रामीण कृषि विस्?तार अधिकारी लोभन सारथी का मार्गदर्शन रहा, जिन्होंने जैविक खेती की बारीकियों, उपयोगी तकनीकों और इसके दूरगामी फायदों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वरिष्ठ कृषि विभाग के अधिकारी फ्लेस्वर पैंकरा ने अपने वक्तव्य में कहा, आज के समय में रासायनिक खेती ने न केवल हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी समाप्त किया है। जैविक खेती न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह प्रकृति और मिट्टी की गुणवत्ता को भी बनाए रखने में सहायक है।
निष्कर्ष- जैविक खेती की ओर सकारात्मक कदम
लिबरा के धान खरीदी केंद्र में आयोजित इस जैविक किसान मेले ने क्षेत्र के किसानों में नई चेतना और ऊर्जा का संचार किया। कार्यक्रम के अंत में सभी किसानों ने जैविक खेती को अपनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया। अधिकारी फ्लेस्वर पैंकरा,लोभन सारथी सहित अन्य विशेषज्ञों के प्रयासों से यह मेला एक ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक आयोजन सिद्ध हुआ। इस तरह के आयोजनों से यह स्पष्ट होता है कि कृषि विभाग और सरकार की पहल धीरे-धीरे धरातल पर उतर रही है और आने वाले समय में जैविक खेती को लेकर एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक सिदार ,मुकडेगा मंडल अध्यक्ष संजय पटेल, की अध्यक्षता में ,विशिस्ट अतिथि नारायण पुर जनपद सदस्य मोहन शशि कला , पूर्व जनपद सदस्य दसमति पैंकरा, कृष्णा यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक जायसवाल , सहित जनप्रतिनिधियों और किसान और कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों, पशुधन विभाग के अधिकारी कर्मचारी, मत्स्य विभाग के साथ ग्रामीणों का गरिमामय उपस्थित में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मत्स्य विभाग की योजनाओं की दी विस्तृत जानकारी-प्रशांत उरांव
जिले में चल रही विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं की जानकारी देते हुए प्रसन्त उरांव ने विस्तार से बताया कि सरकार द्वारा मछुआरों के हित में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए तालाबों के निर्माण, मछली बीज वितरण, प्रशिक्षण कार्यक्रम और वित्तीय सहायता जैसे कई उपाय किए जा रहे हैं। प्रशांत उरांव ने बताया कि सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक मछुआरों तक पहुंचे, इसके लिए विभाग लगातार जागरूकता कार्यक्रम भी चला रहा है। उन्होंने मत्स्य पालकों से आह्वान किया कि वे विभाग से संपर्क कर योजनाओं की जानकारी लें और उनका लाभ उठाएं। उन्होंने यह भी कहा कि मछली पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है, जिससे आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
किसानों को मिला जानकारी का खजाना
जैविक किसान मेले में जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी, प्रशिक्षण सत्र, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और अनुभव साझा करने के सत्र आयोजित किए गए। किसानों ने जैविक कीटनाशकों, कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, नीम आधारित उत्पादों, गौ आधारित खेती, और फसल चक्र जैसी विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं। कृषि विभाग के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने किसानों के सवालों का उत्तर देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया।
लोभन सारथी ने दिया प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम में लोभन सारथी ने कहा कि सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। हर किसान को धीरे-धीरे रासायनिक खेती से जैविक खेती की ओर बढऩा चाहिए। शुरुआत छोटे स्तर से करें, अपने खेत का एक हिस्सा जैविक खेती के लिए अलग करें और फिर इसके लाभ को महसूस करें, उन्होंने कहा।
उन्होंने किसानों को जैविक खेती से संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी, जैसे कि इनपुट सब्सिडी, जैविक प्रमाणन योजना और बाजार उपलब्धता का आश्वासन। साथ ही यह भी बताया कि जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य मिल सकता है।
महिला किसानों की भी रही सराहनीय भागीदारी
मेले में महिला किसानों की भागीदारी उल्लेखनीय रही। कई महिला समूहों ने अपने स्वयं निर्मित जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई। इनमें से कुछ महिलाओं ने बताया कि कैसे उन्होंने घरेलू स्तर पर जैविक खेती की शुरुआत की और आज वे छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं।
जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र
मेले में जैविक धान, सब्जियां, मसाले, और पौधों के साथ-साथ वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, जैविक खाद उत्पादन की तकनीक, और प्राकृतिक कीटनाशकों की भी प्रदर्शनी लगाई गई थी। इन स्टालों पर किसानों की भारी भीड़ देखी गई, जो इन तकनीकों को अपने खेतों में अपनाने के लिए उत्साहित नजर आए।
नवाचार और तकनीकी ज्ञान का संगम
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि जैविक खेती केवल परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके साथ अब आधुनिक तकनीकों को जोडक़र उत्पादन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। इस दिशा में ड्रिप इरिगेशन, मल्चिंग, मृदा परीक्षण, और जैविक बीज चयन जैसे विषयों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।
स्थानीय प्रशासन और कृषि विभाग की सराहनीय पहल
इस सफल आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन एवं कृषि विभाग को धन्यवाद देते हुए उपस्थित किसानों ने कहा कि इस तरह के मेलों से न केवल उन्हें नई जानकारी मिलती है, बल्कि उन्हें आपस में संवाद का भी अवसर मिलता है जिससे वे अपने अनुभव और समस्याएं साझा कर सकें।

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