रायपुर। राजधानी की 16 साल की नाबालिग को एमपी के छतरपुर में एक युवक को बेचा गया। वो जानवर काटने का काम करता था। 24 दिन तक उसकी कैद में रहने के बाद लडक़ी अब घर लौटी है। नाबालिग ने बताया मैं बस्ती में अपने घरवालों के साथ रहती थी। घरवालों से कुछ बातों को लेकर नाराज थी। 21 फरवरी की शाम मैं घर छोडक़र रेलवे स्टेशन आ गई।
वह प्लेटफार्म में अकेले बैठी थी। तभी मेरे बगल में सुषमा पटेल आ गई। वो इधर-उधर की बातचीत करने लगी। उसने कहा कि उसकी कोई संतान नहीं है। वो उसकी बेटी की तरह है। मैं उसके झांसे में आ गई। वो मुझे डोंगरगढ़ ले गई। नाबालिग ने बताया कि 2 दिन तक वहां रहने के बाद वो अपने भाई के साथ मुझे छतरपुर ले गई। वहां मुझे बेचने की कोशिश की, लेकिन ग्राहक नहीं मिला। फिर घूमने-फिरने का झांसा देकर राजस्थान ले गई। लेकिन वहां भी कोई खरीदार नहीं मिला। इसके बाद वापस छतरपुर आ गए। इस दौरान डरा-धमका कर रखे। कुछ दिन बाद छतरपुर के ही एक गांव में बबलू कसाई से सौदा कर लिया। 5 मार्च को सौदा हुआ और 8 मार्च को बबलू ने उन्हें एक लाख दिए। पैसा देने के बाद बाबूलाल अहिरवार (30) मुझे अपने घर ले आया। पत्नी बनाकर रखने लगा तो मैंने उसका विरोध किया।
इसके बाद वो जबरदस्ती करने लगा। घर का हर काम करवाता। पानी लाने के लिए मुझे कई किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता। 30 मार्च को फोनकर भाई को पूरी बात बताई। भाई ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने 1 अप्रैल को रेस्क्यू कर मुझे छुड़ाया। बाबूलाल को पकड़ लिया। दरअसल, पुलिस ने एक रैकेट पकड़ा है। पूछताछ में राजधानी से गायब लड़कियों का सुराग मिलने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार हर साल रायपुर से औसतन 500 लड़कियां गायब हो रहीं है। रायपुर में एक ऐसा गिरोह काम कर रहा है, जो बस्तियों में रहने वाली नाबालिग लड़कियों को निशाना बना रहा है। इनके टारगेट में 15 से 17 साल की बच्चियां होती हैं जो घर से असंतुष्ट होने के साथ ही बाहर जाकर कुछ करना चाहती हैं। गिरोह में शामिल महिलाएं ऐसी बस्तियों में किराए का मकान लेती। पास-पड़ोस के घरवालों का भरोसा जीतती हैं। इतना ही नहीं महिलाओं का गिरोह स्टेशन और बस स्टैंड में भी नजर रखती हैं। वहां घर से भागी हुई लड़कियों को भी अपने निशाने में रखते हैं।
झांसे में लेने के बाद नाबालिगों को ऊंचे सपने दिखाते। उन्हें बताया जाता कि वे जैसा जीना चाहती हैं वो बेहद आसान है। बस उन्हें घर से निकलना पड़ेगा। लड़कियां उनके झांसे में आ जाती हैं और अपनी मर्जी से उनके साथ चली जाती हैं लेकिन बाहर जाते ही लड़कियों को एक से पांच लाख रुपए में बेच दिया जाता है। पुलिस ने ऐसे गिरोह में काम करने वाली महिला और जिन्होंने लड़कियां खरीदी उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया है।
नाबालिगों को बहला-फुसलाकर युवकों को बेचने वाली सुषमा पटेल को छापा मारकर छतरपुर में पकड़ा गया। वो रायपुर में कई बस्तियों में किराए का मकान लेकर नाबालिगों को बेच चुकी है। पुलिस कई महीने से उसकी तलाश कर रही थी। गिरोह में शामिल उसका भाई और एक अन्य आरोपी अब भी फरार है। फरार भाई के पकड़े जाने पर इसमें और कई नए खुलासे होंगे। सीएसपी पूर्णिमा लांबा ने बताया कि हर बस्ती की जांच कर रहे हैं। महिलाओं का इस तरह का गिरोह शहर में कई जगहों पर काम कर रहा है। हम हर बस्तियों में जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही ऐसी महिलाओं की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं।
16 साल की नाबागि लडक़ी को म.प्र में कसाई को बेचा
पीडि़ता बोली-24 दिन काले-पानी की सजा जैसे गुजरे, रायपुर से हर साल 500 बच्चियां लापता
