खरसिया। सरकार ने जनता की सुरक्षा और जीवन रक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए सडक़ दुर्घटनाओं के पीडि़तों को 1.5 लाख तक का नि:शुल्क और कैशलेस इलाज उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। यह सुविधा दुर्घटना के पहले सात दिनों तक उपलब्ध होगी-चाहे पीडि़त किसी भी सामाजिक या आर्थिक वर्ग का हो।
इस अभूतपूर्व निर्णय पर विप्र स्वास्थ्य सेवा संगठन के प्रमुख और ज्योतिर्विद- लेखक पं.कान्हा शास्त्री ने राज्य और केंद्र सरकार दोनों को हृदय से धन्यवाद और आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा यह योजना केवल एक नीति नहीं, बल्कि उन असंख्य परिवारों के लिए आशा की किरण है, जिन्होंने सडक़ पर अपनों को खो दिया। यह उन माताओं की दुआओं का उत्तर है जो पैसों के अभाव में अपने बेटों को अस्पताल में तड़पते देख चुकी थीं। मैं केंद्र सरकार के इस दूरदर्शी और संवेदनशील निर्णय की सराहना करता हूँ और छत्तीसगढ़ सरकार को उसके तत्पर क्रियान्वयन के लिए धन्यवाद देता हूँ। वहीं पंडित शास्त्री ने कहा कि जब शासन संवेदनशील हो, तो नीतियाँ नहीं- जि़ंदगियाँ बदलती हैं। यह कदम दर्शाता है कि भारत अब केवल विकास नहीं कर रहा, बल्कि सेवा, संवेदना और सुरक्षा की नई परिभाषा गढ़ रहा है। उन्होंने यह भी अपील की कि इस योजना को हर राज्य में प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और गोल्डन ऑवर उपचार को संवैधानिक अधिकार घोषित किया जाए।
संवेदनशील शासन की मिसाल-यह योजना सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (हृ॥्र) इसके कार्यान्वयन की जि़म्मेदारी निभा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे तत्परता से अपनाकर राज्य के नागरिकों को एक सशक्त सुरक्षा कवच प्रदान किया है। अब किसी भी सडक़ दुर्घटना में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए पैसों की चिंता नहीं करनी होगी और यह निर्णय वास्तव में ‘जान है तो जहान है’ की भावना को यथार्थ रूप में साकार करता है।
सरकार का ऐतिहासिक कदम, अब सडक़ दुर्घटना में घायल को मिलेगा मुफ्त इलाज
पंडित कान्हा शास्त्री ने कहा यह केवल योजना नहीं, मानवता का सम्मान है
