पत्थलगांव/जशपुर। जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड के महेशपुर गांव में 56 एकड़ शासकीय जमीन का पट्टा एक ही परिवार के नाम जारी किए जाने से ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण बुधवार को पत्थलगांव एसडीएम कार्यालय पहुंचे और पट्टा निरस्त करने की मांग को लेकर आवेदन सौंपा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। महेशपुर पंचायत की विवादित जमीन खसरा नंबर 439/2 (21.7350 हे.), 439/3 (0.4370 हे.) और 439/4 (0.2100 हे.) कुल मिलाकर लगभग 56 एकड़ भूमि है, जो राजस्व अभिलेखों में शासकीय दर्ज है। ग्रामीणों का कहना है कि वे पीढिय़ों से इस भूमि पर खेती करते आ रहे हैं, लेकिन इस जमीन का वन अधिकार पट्टा गांव के शंकर पिता लोकनाथ, वेढेही पिता लोकनाथ, रोगीबाई पति लोकनाथ और धर्मीबाई बेवा लोकनाथ के नाम जारी कर दिया गया, जबकि इस भूमि पर इनका कभी कोई कब्जा नहीं रहा है। ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित परिवार ने अधिकारियों व कर्मचारियों से सांठगांठ कर यह पट्टा प्राप्त किया है। उनके अनुसार, तीन वर्षों से वे इस अनियमितता के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पत्थलगांव की एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी ने बताया कि महेशपुर के ग्रामीणों ने आवेदन देकर शिकायत की है कि तीन खसरा नंबरों की शासकीय भूमि एक ही परिवार के नाम दर्ज की गई है। प्रशासन ने संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर पट्टा और भूमि स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि यदि प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द पट्टा निरस्त नहीं किया गया और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।