खरसिया। धर्मनगरी खरसिया दस दिनों तक भगवान गणेश की भक्ति में सराबोर रही बड़े-बड़े पंडाल बनाये गये एवं विशाल मूर्तियां स्थापित की गई एवं सभी घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना की गई विघ्नहर्ता गजानन स्वामी से घर परिवार एवं नगर की सुख शांति और समृद्धि का आशीर्वाद लिया। दस दिनों तक तक अपने भक्तों पर स्थूल रूप में अपना स्नेह और आशीर्वाद बरसाने के बाद गणपति सूक्ष्म रूप में अपने धाम को चले गाजे बाजे धमाल बैंड और आतिशबाजी के बीच झूमते नाचते और गणपति बप्पा मोरिया अब के बरस तू जल्दी आ एवं गजानन स्वामी की जय जय कार करते हुए भक्तों महिलाओं युवाओं और बच्चों ने अपने आराध्य विघ्नहर्ता स्वामी गजानन को विदा किया। भगवान गणेश जल तत्व के स्वामी हैं। शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी पर जब बप्पा घर आते हैं और उनकी पूजा की जाती है तो वह साकार रूप लेकर हमारे घर में वास करते हैं और हमारे सभी विघ्नों को हरण कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश प्रतिमा का जल में विसर्जन करने से गणपति जी पंच तत्वों में सामहित होकर अपने मूल स्वरूप में आ जाते है। जल में विसर्जन होने से भगवान गणेश अपना साकार रूप निराकार रूप धारण कर लेते है।