रायगढ़। कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन व शर्तें नियम 2013 में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने संशोधन किया है। एक्ट के तहत कॉलोनाइजर अब ईडब्ल्यूएस और निम्न आय वर्ग के लिए छोड़ी जाने वाली 25 फीसदी भूमि की जगह तब 15 फीसदी भूमि मिलेगी। राजपत्र में एक्ट के संशोधन की अधिसूचना प्रकाशित होने के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी नगरीय निकायों को इसका पालन करने का फरमान जारी किया है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य ने जारी आदेश में कहा है कि नगर पालिका कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन व शर्तें नियम 2013 में संशोधन किया गया है। इसके तहत अब आर्थिक रूप से कमजोर यानि ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आवासीय कॉलोनी में विकसित भूखंडों , निर्मित आवासों में कुल संख्या में से 9 फीसदी आरक्षित होगा। इसके साथ ही निम्न आय वर्ग यानी एलआईजी के लिए विकसित की जाने वाली कॉलोनी के भूखंड में से 6 फीसदी भूमि आरक्षित रखी जाएगी। इस आदेश का सभी निगरीय निकायों के प्रभारियों को पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
कॉलोनाइजरों को मिलेगा फायदा
एक्ट में संशोधन करने से सीधे तौर पर कॉलोनाइजरों को फायदा मिलेगा। एक्ट में पूर्व के प्रावधानों के अनुसार कॉलोनाइजरों को विकसित कॉलोनी में से ईडब्ल्यूएस के लिए 15 और एलआईजी के लिए 10 फीसदी भूमि आरक्षित रखना जरूरी था, लेकिन इसे कम किया गया है, जिससे अब कॉलोनाइजरों को 15 की जगह 9 और 10 की जगह 6 फीसदी भूमि ही छोडऩी पड़ेगी।
भूखंड में होगी कमी
एक्ट में संशोधन के साथ ही अब ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के लिए छोड़े जाने वाले भूखंड में भी कमी होगी। पूर्व में जहां ईडब्ल्यूएस को 900 वर्ग फुट जमीन मिलती थी अब वह 374-538 तक कर दी गई है। इसी प्रकार एलआईजी को पूर्व में मिलने वाली भूमि में कटौती हो गई है।
बुनियादी सुविधाएं करानी होंगी मुहैया
संशोधन के बाद एक्ट के तहत कॉलोनाइजरों को प्रत्येक आवासीय इकाई में एक शौचालय निर्माण कराना होगा। इसके साथ ही जनजल सुविधा, सीवर लाइन और निकासी की व्यवस्था करना जरूरी होगा। इसके साथ ही कॉलोनी पहुंच मार्ग भी व्यवस्थित रखना होगा।
एक्ट में संशोधन होने से कालोनाईजरों की बल्ले-बल्ले
ईडब्ल्यूएस और निम्न आय वर्ग के लिए अब 25 की जगह 15 फीसदी होगी भूमि
