रायगढ़। नगर निगम में भाजपा के महापौर और सभापति अपना काम कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की राजनीति यहां पिछड़ती नजर आ रही है। इसका प्रमुख कारण है, कांग्रेस द्वारा अब तक निगम में नेता प्रतिपक्ष की घोषणा न करना है।
31 मार्च को जिला कांग्रेस कमेटी में रायगढ़ नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के नाम के लिए पूर्व विधायक चंद्रदेव राय और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री अमरजीत चावला दोनों पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में एक बैठक हुई। जिसमें पर्यवेक्षकों ने स्थानीय कांग्रेस पदाधिकारी और पार्षदों से चर्चा की। 10 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है। जबकि कांग्रेसियों का मानना है कि अब तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो जाना चाहिए था। ताकि निगम की राजनीति में कांग्रेस का काम भी नजर आए। वहीं, निगम में पहली बजट बैठक भी नेता प्रतिपक्ष के बिना पूरी हो गई।
तीन नामों पर चर्चा ज्यादा
नगर निगम में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, इस पर शहर में अब भी चर्चा है और तीन नामों में से एक नाम पर मुहर लगने की संभावना जतायी जा रही है। इन तीन नामों में पूर्व सभापति जयंत ठेठवार, सलीम नियारिया और लक्ष्मीनारायण साहू का नाम है। इसमें लक्ष्मीनारायण साहू मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि लक्ष्मीनारायण निगम की राजनीति में तेज-तर्रार पार्षदों में आते है और विपक्ष की भूमिका निभाने में वे कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
तय हो जाना था अब तक नाम
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने बताया कि पर्यवेक्षक आए थे और नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर चर्चा भी की। अब तक नाम तय हो जाना चाहिए था, लेकिन किसी कारणवश नहीं हो सका है। उनका कहना है कि जल्द ही नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा हो जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष को लेकर अब तक निर्णय नहीं ले पाई कांग्रेस
बिना नेता प्रतिपक्ष के निगम का पेश हो चुका पहला बजट
