रायगढ़। पावन चैत्र माह में आयोजक कृष्णा विहार हाउसिंग रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी की अभिनव पहल से बड़ी श्रद्धा से विगत 9 से 15 अप्रैल तक सात दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा एवं साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। कथा व्यास पीठ में परम पूज्य श्री पुनीत कृष्ण जी महाराज श्रीधाम वृन्दावन विराजित हैं और प्रतिदन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक श्रद्धालुओं को बड़े ही सहज सरल ढंग से कथा का रसपान करा रहे हैं।
भक्ति करो ध्रुव और प्रहलाद की तरह
व्यास पीठ में विराजित पं पुनीत कृष्ण महाराज ने श्रद्धालुओं को अमृतमयी कथा का रसपान कराते हुए कहा कि सतयुग के समय अवधपुरी में राजा उत्तानपद राज किया करते थे। उनकी बड़ी रानी का नाम सुनीति था और उनकी कोई संतान नहीं थी। देवर्षि नारद रानी को बताते हैं कि यदि तुम दूसरी शादी करवाओगी तो संतान प्राप्त होगी। रानी अपनी छोटी बहन सुरुचि की शादी राजा से करवा देती है और समय आने पर उससे एक संतान की उत्पत्ति होती है। उसी समय कुछ दिनों के बाद बड़ी रानी भी एक बालक को जन्म देती है। पांच वर्ष बाद जब राजा अपने बेटे का जन्म दिन मना रहे थे तो बालक ध्रुव भी बच्चों संग खेलता हुआ उनकी गोद में बैठ गया तो बड़ी रानी उसको लात मारकर उठा देती है और उसे कहती है कि यदि अपने पिता की गोद में बैठना है तो अगले जन्म का इंतजार करना। बालक ध्रुव को यह बात चुभ जाती है और वह वन में जाकर कठिन तपस्या करता है। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु उन्हें दर्शन देते हैं और उन्हें मनचाहा वरदान देने का वचन देते हैं। इसलिए कहा गया है कि किसी में भेदभाव नहीं करना चाहिए और प्रभु की भक्ति में कोई विघ्न नहीं डालना चाहिए। भगवान को यदि पवित्र मन और हृदय से पुकारा जाए तो वे अवश्य साथ देते हैं। इसी तरह भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए पं पुनीत कृष्ण जी महाराज ने कहा कि छल कपट, अहंकार को त्यागकर पवित्र मन से भक्ति करने से ही परमात्मा मधुसूदन की कृपा मिलती है। इसी तरह उन्होंने भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए कहा कि यदि कोई भक्त सच्चा हो तो विपरीत परिस्थितियां भी उसे प्रभावित नहीं कर सकती है। राक्षस प्रवृत्ति के हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रहलाद की भक्ति को छुड़ाने के लिए तरह – तरह से सताया फिर भी प्रह्लाद ने कभी भी अपनी ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी और पिता धर्म को भी निभाया। वहीं हिरण्यकश्यप प्रहलाद की बात को नहीं मानता और उसे यातना देता था। ऐसे में भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप को मारा व उसके बाद भी प्रह्लाद ने अपने पुत्र धर्म का निर्वहन करते हुए अपने पिता की सद्गति के लिए भी ईश्वर से प्रार्थना की। इस तरह दोपहर तीन से शाम छह बजे अनेक कथा प्रसंगों का श्रवण मधुर भजन गीत के साथ सुनाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को आनंदित कर रहे हैं।
आज होगी वामन कथा
वहीं धार्मिक इस भव्य आयोजन के अंतर्गत ध्रुव चरित्र, प्रहलाद चरित्र की पावन कथा के बाद आज 12 को वामन अवतार, श्रीसम जन्म, श्री कृष्ण जन्म महोत्सव, 13 को बाललीला, माखन चोरी, गोवर्धन पूजा,14 को मथुरागमन, उद्धव गोपी संवाद, रुवमणी विवाह इसी तरह 15 अप्रैल को सुदामा चरित्र, व्यास, पूजन, होली व हवन पूर्णाहुति सुबह 11 बजे इसके पश्चात दोपहर में महाप्रभु का महाभंडारा होगा।
भव्यता देने में जुटे सदस्य
वहीं कृष्णा विहार हाउसिंग रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी रायगढ़ ने सभी कथा प्रेमी सज्जनों को कथारस अमृतपान हेतु सपरिवार स्नेहिल आमंत्रण दिया है व धार्मिक इस भव्य आयोजन को भव्यता देने में विनोद बट्टीमार, अजय अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, अनूप अग्रवाल, अनूप बंसल, अभिषेक शर्मा व महिला श्रद्धालु सरिता अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, सरिता बट्टीमार, नीतू सिंह व समस्त कॉलोनी वासी जुटे हैं।
सच्ची भक्ति से ही परमात्मा की प्राप्ति होती है संभव : पं पुनीत कृष्ण
कृष्णा विहार मंदिर में भव्य श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
