रायपुर। भीषण गर्मी में जब हर बूंद पानी कीमती हो चुकी है, तब नगर निगम के करोड़ों के वाटर एटीएम खुद ही पानी को तरस रहे हैं! पानी का मोल हर कोई को पता है,और जब वक्त भीषण गर्मी का हो तो इसकी महत्व और भी बढ़ जाता है। नगर निगम रायपुर में करोड़ो रुप खर्च कर वाटर एटीएम लगाया गया मगर तीन सालों से वाटर एटीएम खुद प्यासा है।इन वार्डो में वाटर एटीएम लगाया गया जहां गंभीर जल जनित बिमारियां होती है। प्रदेश के 10 निकायों में वाटर एटीएम चल रहा है मगर राजधानी में वाटर एटीएम अधिकारियों की लापरवाही की वजह से बंद पड़ा है। सवाल यह है कि अन्य निकाय में जब वाटर एटीएम वहीं ठेकेदार चला रहा है तो यहां कौन से नियमों का हवाला देकर भुगतान रोका गया ?
कब लगा था एटीएम
वर्ष 2018 में राहगिरों,आम लोगों को स्वच्छ जल के नाम पर 20 वाटर एटीएम लगवा दिया कुछ साल बाद वाटर एटीएम मेटेंनेश के अभाव में बंद हो गया। अब जनता इस गर्मी में पानी के लिए तरस रही है। रायपुर नगर निगम के जवाबदार अधिकारी को टेंडर की प्रक्रिया समझ नहीं आया और मेंटेनेंश की राशि रोक दी गई। जबकि ठेकेदार को भुगतान के लिए नगरी प्रशासन विभाग ने निर्देशित भी किया था। अधिकारियों की मनमानी ऐसी की विभागीय आदेश को धत्ता बता दिया।
अन्य 10 जगह का पैसा मिल रहा ठेकेदार को एक अन्य ठेकेदार पर मेहरबानी, राज्य के अन्य 10 नगर निगम में लगे वाटर एटीएम के लिए मेंटेनेंश का पैसा आता रहा। वहीं रायपुर नगर निगम के लिए सभी 20 वाटर एटीएम के मेंटेनेंश के लिए 20लाख 50 हजार आया मगर ठेकेदार को भुगतान नहीं किया….ठेकेदार ने मशीन निगम को हेंडओवर कर दिया.. वहीं बीच में तीन माह के लिए वाटर एटीएम चालु हुआ अन्य ठेकेदार को 3 माह में 8 लाख का भुगतान कर दिया और आज भी एटीएम बंद पड़ा है। वहीं कई एटीएम गायब होने की भी बात कही जा रही है।
ऐसे हुई लापरवाही
राजधानी के बोर से निकलनें वाले पानी का टीडीएस 600-800 तक है। ऐसे में यूवी वाटर एटीएम से काम नहीं चलता…आरो लगाना पड़ा ही। वाटर एटीएम के लगनें से पहले पानी की लैब से जांच हुई थी, एक ही ठेकेदार ने प्रदेश में 11 निकायों में 180 से अधिक मशीन लगाए है। रायपुर छोड़ अन्य सभी निकायों के मेंटेनेंश की राशि ठेकेदार को दी गई, रायपुर एटीएम के लिए 20 लाख 50हजार राशि विभाग ने जारी किया मगर ठेकेदार को भुगतान नहीं किया गया। नाराज ठेकेदार ने सर्वेकरा कर एटीएम की चॉबी सौप दी। तब एक अन्य ठेकेदार को मशीन एटीएम चलानें ठेका दिया.. ठेकेदार को 3 माह में 8 लाख भुगतान भी कर दिया।
क्या कहते है ठेकेदार
वाटर एटीएम के पूर्व ठेकेदार धर्मेन्द्र शाह का कहना है कि सभी वाटर एटीएम बोर से कनेक्टेड है। जिसका टीडीएस 500 से ऊपर है। ऐसे में आरो की आवश्यकता होती है। टेंडर में उल्लेखित भी है। भुगतान रोकनें के बाद मैने मशीन को हेंडओवर कर दिया था।
क्या कहते है अधिकारी
कृष्णादेवी खटीक प्रभारी अधिकारी जल विभाग का कहना है कि 20 वाटर एटीएम लगाए गए थे। 6 साल के लिए टेंडर हुआ था। ठेकेदार ने कहा था कि 6 साल के लिए रेट नहीं डाला था पर इयर के लिए डाला था।बीच में ठेकेदार टेंडर छोड़ कर चला गया। तीन माह के लिए चालू किया गया था। अब फिर से सर्वे कराया जा रहा है।
लापरवाही का भेंट चढ़ गया वाटर एटीएम, 20 वाटर एटीएम में एक बूंद पानी नहीं
