रायगढ़। करीब सात साल बाद फिर से शहर में डेंगू पांव पसार चुका है, जिसके चपेट में आने से जहां दर्जनों लोग अस्पताल में भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं, तो वहीं स्थिति गंभीर होने के कारण मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ऐसे में बुधवार को भी एक युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई है। जिसको लेकर लोगों में भय का माहौल निर्मित होने लगा है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों शहर के दर्जनभर क्षेत्र डेंगू के लिए हॉट स्पाट बना हुआ है, जिससे हर दिन दर्जनभर लोग इसके चपेट में आकर अस्पतालों का चक्कर काट रहे हैं। इसके बाद भी इसे रोकथाम के लिए नगर निगम द्वारा कोई विशेष पहल नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते बढ़ रहे मरीजों के साथ मौत का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में देखा जाए तो अभी तक शहर में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में एक भी मौत नहीं है। ऐसे में अगर स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम इसी तरह से रवैया रहा तो इस साल डेंगू फिर से कहर बरपाएगा। वहीं जानकारों की मानें तो कभी धूप तो कभी बारिश होने के कारण डेंगू के लार्वा पनपने के लिए अनुकुल मौसम बन रहा है। जिसके चलते हर दिन लोग डेंगू के चपेट में आकर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। ऐसे में देखा जाए तो अगस्त से लेकर सितंबर माह के 18 तरीख तक स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में डेंगू मरीजों की संख्या 379 हो गई है, लेकिन बहुत से ऐसे मरीज हैं जिनका रिकार्ड विभाग के पास पहुंच ही नहीं पाता, क्योंकि निजी लैबों में जांच के बाद उनका उपचार निजी अस्पतालों में शुरू हो जाता है, जिसके चलते इसका डाटा विभाग के पास नहीं पहुंच पाता। हालांकि मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे कार्य भी कराया जा रहा है, लेकिन बचाव के लिए ठोस उपाय नहीं हो पाने के कारण मरीजों की संख्या में लागातार इजाफा हो रहा है। इसके बाद भी नगर निगम अभी मरीजों की और संख्या बढऩे का इंतजार कर रहा है, उसके बाद ही साफ-सफाई व घर-घर में दवा वितरण का कार्य कराएगा।
तीन लोगों की हो चुकी असमय मौत
गौरतलब हो कि शहर में बढ़ रहे डेंगू के मरीजों के बीच अब मौत का भी तांडव शुरू हो गया है। जिसमें करीब सप्ताहभर पहले बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना की भी डेंगू से मौत होने की बात सामने आ रही है। इसके साथ ही अशर्फीदेवी चिकित्सालय का कंपाउंडर रामनारायण पटेल की भी कुछ दिन पहले डेंगू से मौत हुई है। इसके साथ ही शहर के कोतवाली थाना के सामने रहने वाले सूरज बेरीवाल भी विगत कई दिनों से डेंगू से पीडि़त थे, जिससे इनका उपचार रायपुर में चल रहा था। जहां बुधवार को सुबह इनकी मौत हो गई। ऐसे में अभी तक जहां डेंगू संक्रमितों की संख्या 379 पहुंच गई है तो वहीं मौत भी तीन लोगों की हो चुकी है। जिसको देखते हुए अब लोगों में भय का माहौल उत्पन्न होने लगा है।
सात साल पहले भी बनी थी गंभीर स्थिति
उल्लेखनीय है कि करीब सात साल पहले भी शहर में डेंगू संक्रमण काफी बढ़ गया था, जिससे करीब 700 से 800 लोग संक्रमित हुए थे, वहीं करीब आधा दर्जन लोगों की मौत भी हुई थी। जिसको देखते हुए तात्कालिन विधायक रोशनलाल अग्रवाल की कड़ी मेहनत के बाद डेंगू पर काबू पाया गया, साथ ही डेंगू जांच के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल में एलआईजा मशीन भी स्टाल हुआ, जिससे मरीजों की जांच रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध होने से समय पर उपचार शुरू हो सका, लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में एक भी मौत का उल्लेख नहीं है। ऐसे में अगर अभी से विभाग द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में यहां भयावह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
दवा का नहीं किया जा रहा वितरण
उल्लेखनीय है कि लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर निगम को करीब 50 हजार लीटर दवा उपलब्ध कराया गया है, ताकि गली-मोहल्लों में निरंतर छिडक़ाव के साथ घर-घर में वितरण किया जाए, ताकि लोग खुद से भी इससे बच सके, लेकिन इसके बाद भी निगम द्वारा अभी तक दवा वितरण शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में अगर यही स्थिति रही तो समस्या और बढ़ सकती है।
शहर के दर्जनभर क्षेत्र बना डेंगू के लिए हॉट स्पाट
लगातार बढ़ रहे मरीजों के साथ शुरू हुआ मौत का सिलसिला, बुधवार को डेंगू ने ली एक युवक की जान, स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में विगत सात साल एक भी नहीं हुई मौत, पत्रिका ने पहले ही किया था अर्लट
