नई दिल्ली। संसद की 96 साल पुरानी इमारत में कार्यवाही का आज आखिरी दिन था। आजादी और संविधान को अपनाने की गवाह इस इमारत को विदाई देने पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ फोटो खिंचवाई। इसके बाद तमाम सांसद सेंट्रल हॉल पहुंचे। सेंट्रल हॉल में अपने अनुभव साझा करते समय कुछ सांसद भावुक हुए, तो किसी ने इसे गौरव का पल कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का सेंट्रल हॉल हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। यहीं 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। बाद में संविधान ने भी यहीं आकार लिया। पीएम ने कहा- आज हम यहां से विदाई लेकर संसद के नए भवन में बैठने वाले हैं और ये बहुत शुभ है कि गणेश चतुर्थी के दिन वहां बैठ रहे हैं। आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर, नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से बुलाने का प्रस्ताव रखा। सेंट्रल हॉल में मौजूद सांसदों ने मेज थपथपाकर इसकी सहमति दी। मोदी ने कहा- पुराने सदन की गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए। संविधान सदन से हमारी प्रेरणा बनी रहेगी।
मोदी की 38 मिनट की स्पीच की 10 बड़ी बातें
पीएम मोदी ने 38 मिनट की स्पीच दी। उन्होंने संसद भवन के इतिहास को संजोते हुए वर्तमान में चंद्रयान-3 और जी-20 के सफल आयोजन की भी चर्चा की। श्री मोदी ने 38 मिनट की स्पीच दी। उन्होंने संसद भवन के इतिहास को संजोते हुए वर्तमान में चंद्रयान-3 और जी-20 के सफल आयोजन की भी चर्चा की।
संसद भवन हमें हमारे कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है
मोदी ने कहा- ये भवन और उसमें भी यह सेंट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है। हमे भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। आजादी के पूर्व ये खंड एक प्रकार से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था। बाद में यहां संविधान सभा की बैठक शुरू हुई। उसमें गहन चर्चा करके हमारे संविधान ने यहीं पर आकार लिया।
छोटे-छोटे मुद्दों में उलझने का समय खत्म
हमारे लिए छोटे-छोटे मुद्दों में उलझने का समय खत्म हो गया है। सबसे पहले, हमें आत्मनिर्भर भारत बनने का लक्ष्य पूरा करना होगा। यह समय की मांग है, यह हर किसी का कर्तव्य है। पार्टियां इसके आड़े नहीं आतीं। सिर्फ दिल चाहिए, देश के लिए चाहिए। सेंट्रल हॉल में मंच पर बाएं से लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खडग़े। सेंट्रल हॉल में मंच पर बाएं से लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खडग़े।
छोटे कैनवास पर बड़ा चित्र नहीं बना सकते
मोदी ने कहा- जैसे छोटे कैनवास पर बड़ा चित्र नहीं बन सकता, वैसे हम भी अगर अपने सोचने के कैनवास को बड़ा नहीं करेंगे तो भव्य भारत का चित्र अंकित नहीं कर पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत काल के 25 वर्षों में भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा। मोदी ने कहा- आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा।
सदन के सभी सांसदों ने फोटो सेशन कराया
लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों ने सुबह सेंट्रल हॉल के पास एक साथ फोटो सेशन कराया। इस दौरान क्करू मोदी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सत्ता और विपक्ष के सभी सांसद मौजूद रहे।पहले राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों ने फोटो खिंचवाई। इसके बाद दोनों सदनों के सभी सांसदों का ग्रुप फोटो सेशन भी हुआ। इस बीच गुजरात से क्चछ्वक्क सांसद नरहरि अमीन की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद सेंट्रल हॉल में मोदी देश के सभी सांसदों के पास जाकर मिले। यहां राष्ट्रगान हुआ।
कांग्रेस के नेताओं ने पुरानी संसद के अंतिम दिन क्या कहा
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा – पोखरण के समय विदेशी ताकतों ने हमें रोकने की बहुत कोशिशें की लेकिन हम रुके नहीं। अटल जी ने पूरी दुनिया को एक संदेश दिया। उस परमाणु परीक्षण के बाद हम पर प्रतिबंध लगाए थे, उसको हटाने का काम मनमोहन सिंह ने किया। जिन पर बीजेपी मौन रहने का आरोप लगाती थी। वो मौन नहीं रहते थे। दरअसल वो बात कम, काम ज्यादा करते थे। राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि हमसे हर बार यही पूछा जाता है कि 70 साल में क्या किया? हमने वही किया जो आज आप लोग आगे बढ़ा रहे हैं, उसे शुरू किया। जब हमने 1950 में लोकतंत्र को अपनाया, तो कई विदेशी विद्वानों ने सोचा कि यहां लोकतंत्र विफल हो जाएगा क्योंकि यहां लाखों अशिक्षित लोग हैं। हमने उन्हें गलत साबित किया। हमने यही किया है 70 सालों में।
कांग्रेस के नेताओं ने पुरानी संसद के अंतिम दिन क्या कहा
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कहा – पोखरण के समय विदेशी ताकतों ने हमें रोकने की बहुत कोशिशें की लेकिन हम रुके नहीं। अटल जी ने पूरी दुनिया को एक संदेश दिया। उस परमाणु परीक्षण के बाद हम पर प्रतिबंध लगाए थे, उसको हटाने का काम मनमोहन सिंह ने किया। जिन पर बीजेपी मौन रहने का आरोप लगाती थी। वो मौन नहीं रहते थे। दरअसल वो बात कम, काम ज्यादा करते थे। राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि हमसे हर बार यही पूछा जाता है कि 70 साल में क्या किया? हमने वही किया जो आज आप लोग आगे बढ़ा रहे हैं, उसे शुरू किया। जब हमने 1950 में लोकतंत्र को अपनाया, तो कई विदेशी विद्वानों ने सोचा कि यहां लोकतंत्र विफल हो जाएगा क्योंकि यहां लाखों अशिक्षित लोग हैं। हमने उन्हें गलत साबित किया। हमने यही किया है 70 सालों में।
आज भारत नई चेतना और नई ऊर्जा के साथ जाग उठा है
मोदी ने कहा कि मैंने लाल किले से कहा था- यही समय है, सही समय है। एक के बाद एक घटनाओं पर नजर डालें तो हर एक घटना इस बात की गवाह है कि आज भारत एक नई चेतना के साथ जाग उठा है। भारत एक नई ऊर्जा से भर गया है। यही चेतना और ऊर्जा करोड़ों लोगों के सपनों को संकल्प में बदल सकती है और उन संकल्पों को हकीकत में बदल सकती है।
दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है मोदी ने कहा- हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सबसे पहले परीपूर्ण करना चाहिए और यह हम से, हर नगारिक से शुरूआत होती है। एक समय ऐसा था कि लोग लिखते थे कि मोदी आत्मनिर्भर की बात करता है, कहीं बहुपक्षीय के सामने चुनौती नहीं बन जाएगा। हमने पांच साल में देखा कि दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है।
पुरानी बिल्डिंग को संविधान सदन कहें
मोदी ने कहा- मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमती हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए।
नया भवन पूरी तरह हाईटेक, चेहरा ही पहचान पत्र होगा
नया संसद भवन पूरी तरह से हाईटेक है, इसमें स्टाफ के प्रवेश के लिए उनका चेहरा ही उनका पहचान पत्र होगा। सांसदों को नए भवन में प्रवेश के लिए बायोमेट्रिक आधारित स्मार्ट कार्ड जारी किए गए हैं। संसद में भाषण किसी भी भाषा में दिया जा रहा हो, लेकिन सदस्य उसे अपनी भाषा में सुन सकेंगे। यह सुविधा संविधान की सूची में उपलब्ध सभी 22 भाषाओं के लिए उपलब्ध होगी। संसद पूरी तरह से पेपरलेस होगा, सभी सांसदों की टेबल पर एक टेबलेट कंप्यूटर है जिसमें हर मंत्री व सांसद के लिए उनसे जुड़ा हर दस्तावेज व जानकारी उपलब्ध होगी। यह दस्तावेज भी 22 भाषाओं में से सांसद की पसंद की भाषा में भी उपलब्ध होंगे। मंत्री रियल टाइम में अपने मंत्रालय के सचिव से कोई सूचना मांगकर संसद में पेश कर सकेंगे। सांसद की उपस्थिति और वोटिंग टेबलेट से होगी। सांसदों की उपस्थिति के लिए मैनुअल काउंटिंग अब बंद हो जाएगी।
मेनका ने कहा- महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलने जा रहा
सेंट्रल हॉल में सबसे पहले सांसद मेनका गांधी ने स्पीच दी। उन्होंने कहा, ‘आज ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलने जा रहा है। महिला आरक्षण से हाशिए पर खड़ी महिलाओं की किस्मत बदलेगी? कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज हम ऐतिहासिक घटना के साक्षी बनने जा रहे हैं। अंग्रेजी हुकूमत से लेकर हमारी आजादी में अब तक हमने इस संसद के शानदार पल को अनुभव किया है। बाबा साहेब अंबेडकर ने हमें 395 आर्टिकल दिए हैं। इस अवसर का लाभ उठाते हुए, बिना किसी मलाल के और बिना कुछ कहे, मुझे कहना होगा कि मैं इस मंच पर खड़े होकर ऊंचा और उत्साहित महसूस कर रहा हूं।
मोदी ने नए संसद भवन का इनॉगरेशन किया
विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार की कार्यवाही संसद के पुराने भवन में हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। उन्होंने कहा, सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी इसी सदन ने दिया।
संसद की पुरानी इमारत अब संविधान सदन, इसकी गरिमा कभी कम नहीं होगी- पीएम मोदी
नई संसद में हम नए भविष्य का श्री गणेश करेंगे
