रायगढ़। शुक्रवार की सुबह आधे दर्जन से भी अधिक गांव के ग्रामीणों ने हाथियों के उत्पात व बिजली कटौती से परेशान होकर छाल मार्ग पर चक्काजाम शुरू कर दिया, जिससे सडक़ के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। मामले की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों की समझाईश देना शुरू किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे, ऐसे में यह चक्काजाम देर शाम तक चलता रहा।
उल्लेखनीय है कि घरघोड़ा-छाल मुख्य मार्ग में चक्कााजाम कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि घरघोड़ा क्षेत्र के कई गांव में इन दिनों हाथियों का दल लगातार विचरण कर रहा है, इसके चलते दहशत तो बना ही रहता है साथ ही एक हफ्ते से रात-रात भर लाइन कटौती की जा रही है। जिसके चलते काफी परेशानी का सामना करना करना पड़ रहा है। साथ ही इन दिनों खेती-किसानी का भी समय है, इससे लाईट नहीं होने के कारण पानी के बगैर फसल तो चौपट होता ही है साथ ही हाथियों द्वारा नुकसान भी पहुंचाया जाता है, साथ ही इन दिनों घरघोड़ा क्षेत्र के आसपास के गाँव खोखरोआमा, भेंगारी, चारमार, देऊरमाल, डोंगाभौना, सिंघीझाप, बिलासखार, डेहरीडीह, पानीखेत गाँव हाथियों का रहवास बन गया है, जिससे शाम होते ही जंगली हाथी घुसकर जमकर तबाही मचा रहे हैं। हाथियों के गाँव के करीब आते ही पुरे गाँव की लाइन काट दी जाती है। जिससे अंधेरा होने के चलते ग्रामीणों में भी भारी दहशत का माहौल बना रहता है। इसी बात को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार को सुबह से ही घरघोड़ा क्षेत्र के टेंडा नावापारा चौक में आधा दर्जन से अधिक गाँव के ग्रामीणों द्वारा चक्काजाम शुरू कर दिया। जिससे सडक़ के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। ग्रामीणों का कहना था कि उनको लाईट पर्याप्त नहीं मिलने से फसल खराब हो रहा है, जिससे उनको काफी नुकसान हो रहा है, ऐसे में जब तक उनको पर्याप्त लाईट नहीं मिलेगी तब तक वे चक्काजाम समाप्त नहीं करेंगे।
चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि घरघोड़ा क्षेत्र के करीब आधा दर्जन से अधिक गांव हाथी प्रभावित क्षेत्र है, इससे जैसे ही हाथी जंगल से निकलती है तो लाइट बंद कर दी जा रही है, ऐसे में इन दिनों नई फसल लगाने का समय है, ऐसे में लाईट नहीं होने से खेती करने में समस्या आ रही है। साथ ही जंगली हाथियों द्वारा फसल का नुकसान होने पर वन विभाग द्वारा समय पर न तो आकलन नहीं किया जाता, साथ ही मुआवजा भी बहुत कम दिया जा रहा है, ऐसे में मुआवजा ज्यादा दिया जाए। साथ ही अगर हाथी खेत की तरफ आती है तो सिर्फ आउटर का ही लाइट बंद हो, बस्ती का लाइट चालू रहे, ताकि ग्रामीणों को हाथियों की जानकारी मिलते रहे।
आश्वासन के बाद समाप्त हुआ प्रदर्शन
चक्काजाम की जानकारी मिलते ही वन विभाग, बिजली विभाग, राजस्व विभाग व पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पूरे दिन ग्रामीणों की समझाईश देती रही, लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। ऐसे में तीनों विभाग ने मिलकर ग्रामीणों के साथ सहमति बनाई कि अगर आउटर में हाथी आएगी तो आउटर का ही बिजली बंद होगी, बस्ती में चालू रहेगी, साथ ही फसल का वन विभाग द्वारा तत्काल आंकलनकर राजस्व विभाग को भेजा जाएगा, ताकि समय पर उनको मुआवजा मिल सके, ऐसे में तीनों विभाग से सहमति बनने के बाद चक्काजाम समाप्त हुआ। बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह 9 बजे से टेण्डा नवापारा चौक में चल रहा चक्काजाम शाम करीब साढ़े 5 बजे उस समय समाप्त हुआ
रायगढ़ वन मंडल में 60 हाथी
रायगढ़ वन मंडल की डीएफओ स्टाईलो मंडावी ने बताया कि वर्तमान में रायगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या 60 है जिसमें शावक 15 शामिल है मुख्यत: ये कटंगडीह, कया, बंगुरसिया, कांटाझरिया इलाके में विचरण कर रहे हैं। हाथी टै्रकर निरंतर हाथियों के दल पर नजर बनाये हुए हैं। हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों को पहले से ही हाथियों के बारे में बता दिया जाता है।
माननीय न्यायालय का आदेश
टेण्डा नवापारा में ग्रामीणों के द्वारा किये जा रहे चक्काजाम के संबंध में डीएफओ ने बताया कि ग्रामीणों को शिकायत है कि बिजली बंद कर दिया जाता है। इसमें माननीय न्यायालय का आदेश है कि जिस क्षेत्र में हाथी विचरण कर रहे हैं उस क्षेत्र की बिजली बंद कर दी जाती है और उनके जाने के बाद फिर से लाइन चालू कर दी जाती है। ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है और उनकी समस्या का समाधान निकाला जाएगा। जिस क्षेत्र में हाथी विचरण करते हैं उस क्षेत्र में हाथियों की सुरक्षा के लिये लाइन बंद की जाती है।
जंगली हाथियों के उत्पात व तोडफ़ोड से परेशान ग्रामीण सडक़ पर उतरे
लगातार हो रही बिजली कटौती से परेशान ग्रामीणों ने किया चक्काजाम, घरघोड़ा-छाल मार्ग में लगी वाहनों की लंबी कतार
