रायगढ़। शहर से लगे महापल्ली में विगत दो दिनों से उल्टी-दस्त की बीमारी फैली हुई है। इसके चपेट में आकर जहां दो लोगों की मौत हो गई। वहीं करीब दर्जनभर लोग को अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। विभाग के द्वारा गांव में शिविर लगा कर पीडि़तों का उपचार किया जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इन दो लोगों के मौत को डायरिया होने की बात को इंकार कर रहा है।
बरसात के मौसम में जल-जनित बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इससे हर दिन अस्पतालों में मरीजों की भीड़ पहुंच रही है। वहीं शहर से करीब 10 किमी दूर स्थित ग्राम महापल्ली में सोमवार से ही डायरिया फैल गई है, जिससे उल्टी दस्त के चलते दो लोगों की मौत हो गई है, तो वहीं करीब दर्जनभर लोग इसके चपेट में आए हैं। कुछ लोगों को महापल्ली में भी उपचार चल रहा है तो दो लोगों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है, जहां उपचार जारी है। वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो महाल्ली के ही 63 वर्षीय भगवान सिंह को पहले से ही तबीयत खराब थी। उसको भी डायरिया की शिकायत होने से उल्टी दस्त शुरू हो गई थी, स्थिति गंभीर होने पर परिजन सोमवार को उसे अस्पताल लेकर जा रहे थे, जहां अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। इसके साथ ही 75 वर्षीय महिला उकिया भुईयर को भी उल्टी-दस्त की शिकायत हो गई थी, जिसके चलते समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण उसकी भी मौत हो गई। हालांकि इन दोनों बुजुर्गों के मौत को स्वास्थ्य विभाग पुरानी बीमारी होने की बात कह रहा है, लेकिन मृतक भगवान सिंह के परिजनों का कहना है कि उसे उल्टी-दस्त की शिकायत हुई थी। साथ ही मृतक के बेटी रोशनी को भी उल्टी-दस्त अधिक होने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था, जिसका उपचार के दौरान तबीयत में सुधार होना बताया जा रहा है। साथ ही मोहल्ले के करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों को महापल्ली अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उपचार चल रहा है, इस बीच मंगलवार को दो अन्य ग्रामीणों की तबीयत गंभीर होने पर रायगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उपचार के बाद स्थिति में सुधार होना बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार महापल्ली में नल-जल योजना के तहत बनाई गई एक पुरानी पानी टंकी है, जिससे लोगों के घरों में पानी सप्लाई होती है, लेकिन लंबे समय से टंकी की साफ-सफाई नहीं होने के कारण उसका पानी दूषित हो गया था, जिसके सेवन से लोगों की तबीयत बिगडऩे लगी थी। ऐसे में जब सोमवार से गांव में डायरिया की शिकायत हुई तब जाकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंच कर पानी की जांच शुरू करते हुए पानी टंकी व बोरिंग में क्लोरिन डालना शुरू किया है। ताकि यह बीमारी और न फैल सके।
शिविर लगाकर किया जा रहा जांच
महापल्ली गांव में विगत दो दिनों में ही एका-एक दर्जनभर लोगों को डायरिया की शिकायत होने की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को गांव में कैंप लगाकर लोगों की जांच शुरू कर दिया। साथ ही घर-घर घुमकर सर्वे भी कराया है, इस दौरान जिन लोगों को डायरिया व सर्दी-बुखार की शिकायत थी उनको दवा वितरण किया गया है। साथ ही मंगलवार देर शाम तक डायरिया बीमारी कंट्रोल हो गया है। हालांकि लोगों को गर्म पानी के सेवन के साथ अन्य कई तरह की जानकारी दी गई है, साथ ही यह भी बताया गय है कि अगर किसी को उल्टी-दस्त की शिकायत होती है तो तत्काल इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को देते हुए स्वास्थ्य केंद्र पहुंच कर उपचार कराएं, ताकि स्थिति गंभीर होने से पहले ही उपचार शुरू हो सके।
‘‘महापल्ली में जो दो बुजुर्गों की मौत हुई है, उनको डायरिया नहीं थी, वे पुरानी बीमारी के चलते उनकी मौत हुई है। बाकी जिनको डायरिया की शिकायत थी उनका उपचार जारी है।’’
डॉ. मधुलिका सिंह, सीएचएमओ, रायगढ़