रायगढ़। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से अभी तक डेंगू 200 मरीज सामने आ चुके हैं। साथ ही विगत कई दिनों से शहर के केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड, लाल टंकी, पुलिस लाइन, केवटापारा क्षेत्र हॉटस्पाट बना हुआ है। इसके बाद भी निगम द्वारा इससे बचाव के लिए कोई विशेष उपाय नहीं किया जा रहा है।
गौरतलब हो कि कभी धूप तो कभी हल्की बारिश होने के कारण इन दिनों डेंगू के लिए अनुकुल मौसम बन रहा है। जिसके चलते हर दिन लोग डेंगू के चपेट में आकर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। ऐसे में देखा जाए तो अगस्त से लेकर सितंबर माह के 10 तरीख तक डेंगू मरीजों की संख्या 200 पहुंच गई है। जो विगत कुछ दिनों से लगातार मरीजों की पहचान हो रही है। मौसम बदलने के साथ डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार सर्वे कार्य भी कराया जा रहा है, साथ ही इससे बचाव के लिए लोगों को जगरूक भी किया जा रहा है, लेकिन नगर निगम द्वारा अभी तक न तो फागिंग शुरू की गई है और न ही दवा का वितरण कराया जा रह है, ऐसे में अगर इसी तरफ्तार से मरीज बढ़ते रहा तो आने वाले दिनों में भयावह रूप धारण कर सकता है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की माने तो ज्यादातर मरीज शहरी क्षेत्र से ही निकल कर आ रहे हैं। जिसमें केवड़ाबाड़ी, लाल टंकी, पुलिस लाइन, केवटापारा सहित अन्य मोहल्ले इन दिनों डेंगू के लिए हॉट स्पाट बना हुआ है। ऐसे में इन क्षेत्र के लोगों को खुद से जगरूक होना पड़ेगा, साथ ही जिस जगह से ज्यादा मरीज आ रहे हैं, वहां पर दवा का छिडक़ाव के साथ घर-घर में जांच करने की जरूरत है, तभी इस खतरनाक बीमारी से राहत मिल सकती है।
विगत माह भर से शहर में डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं। जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाईड लाईन तो जारी की जा रही है, लेकिन गली-मोहल्लों की साफ-सफाई भगवान भरोसे है, जिसके चलते डेंगू के लार्वा तेजी से पनप रहे हैं। ऐसे में जब तक स्थानीय लोग डेंगू को लेकर अलर्ट नहीं होंगे, तब तक इस पर काबू पाना संभव नहीं है। साथ ही लोगों को खूद से कूलर व फ्रीज के पीछे जमा होने वाले पानी की नियमित सफाई करना होगा, इसके साथ ही घरों के आसपास जमा होने वाले कचरे को नियमित सफाई कराना होगा, नहीं तो आने वाले दिनों में डेंगू भयावह रूप धारण कर सकता है।
सावधानी ही सुरक्षा
डेंगू को लेकर जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे करा रहा है तो वहीं नगर निगम के द्वारा बीच-बीच में सफाई अभियान चलाया जाता है, लेकिन इसके बाद भी गंदगी कम नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते लगातार डेंगू के नए मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की मानें तो बरसात के दिनों में मच्छरदानी बेहद जरूरी है, तभी डेंगू-मलेरिया जैसे खतरनाक मच्छरों से बचा जा सकता है।
बाल संरक्षण अधिकारी की डेंगू से मौत !
गौरतलब हो कि बाल संरक्षण अधिकारी दीपक डनसेना को विगत तीन-चार दिनों से टाईफाइट व डेंगू की शिकायत थी, जिससे उनका उपचार चल रहा था। बताया जाता है कि शनिवार की रात को अचानक उनकी तबीयत गंभीर होने लगी तो उन्हें जिंदल अस्पताल में भर्ती कराया गया, प्रारंभिक जांच के दौरान पाया गया कि प्लेटलेट्स काफी कम हो गया है। जिनका उपचार प्रारंभ किया गया, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि कुछ ही घंटे उपरांत उनकी मौत हो गई। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इनकी मौत डेंगू से ही हुई है।