धरमजयगढ़। प्रदेश में खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए किसानों की धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू हो गई है। शासन ने मोटा किस्म के धान का समर्थन मूल्य 2300 एवं पतला धान का एमएसपी 2320 रुपए घोषित किया है। सरकार की घोषणा के अनुसार बोनस की राशि सहित धान की खरीदी 3100 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी जाएगी। प्रदेश में 31 जनवरी 2025 तक धान खरीदी की जाएगी।
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ टीएसएस में धीमी गति से धान खरीदी को लेकर पूर्व टीएसएस अध्यक्ष रविन्द्र राय ने चिंता जताते हुए किसानों को होने वाली परेशानियों के लिए जिम्मेदारों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि धरमजयगढ़ टीएसएस में वर्तमान सत्र के लिए प्रति एकड़ 21 क्विंटल के हिसाब से 1.20 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। इस टीएसएस में लगभग 2500 किसानों ने धान बिक्री के लिए पंजीयन कराया है। रविन्द्र ने बताया कि जिसमें से करीब 120 किसान ऐसे हैं जिन्हें वन अधिकार पट्टा मिला है और उस भूमि का पंजीयन भी कराया गया है। लेकिन सरकारी ऑनलाइन रिकॉर्ड में इन किसानों के वन अधिकार पत्र की भूमि का रकबा शून्य बता रहा है। इसके अलावा 150 वन अधिकार पट्टा से लाभान्वित किसानों का पंजीयन कैरी फॉरवर्ड बता रहा है। इन कारणों से सैकड़ों किसानों को धान बेचने के लिए टोकन नहीं दिया जा रहा है। शासन के निर्देश पर 15 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी की जाएगी। राय ने बताया कि धरमजयगढ़ टीएसएस में बीते 23 नवंबर तक करीब 400 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। ऐसे में निर्धारित समय तक धान खरीदी का लक्ष्य प्राप्त करना काफी मुश्किल होगा।
टारगेट पूरा करना चुनौती- नरेश पटेल, प्रभारी प्रबंधक
इस मामले पर प्रभारी सहायक प्रबंधक नरेश पटेल ने बताया कि डी आर रायगढ़ द्वारा हर दिन 2 हजार खरीदी का मापदंड तय किया गया है। उक्त विषय पर उन्होंने कहा कि कई कारणों से धीमी गति से धान खरीदी होने पर निर्धारित समय सीमा में टारगेट पूरा करना काफी मुश्किल लग रहा है।
सैकड़ों किसान धान बेचने से हो रहे वंचित -रविन्द्र राय
रकबा शून्य होने पर नहीं मिल रहा टोकन, टारगेट पूरा करना बड़ी चुनौती
