धरमजयगढ़। वन मंडल धरमजयगढ़ के अंतर्गत छाल क्षेत्र में बाघ के पदचिन्ह पाए जाने से क्षेत्र में हडक़ंप मच गया है। ग्रामीणों द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम ने पदचिन्हों की पुष्टि की है। छाल रेंजर चंद्रविजय सिदार ने बताया कि पदचिन्ह बाघ के ही हैं और टीम द्वारा ट्रैकिंग की जा रही है। रेंजर ने बताया कि कोरबा क्षेत्र से यह टाइगर छाल रेंज के हाटी इलाके में आया। जहां से तेंदूमुड़ी, कोकदार, साम्हरसिंघा जंगल से होते हुए पहाड़ी क्षेत्र में जाने के निशान मिले हैं।
इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों ने वन क्षेत्र के समीप खेतों और पगडंडियों पर बड़े-बड़े पंजों के निशान देखे, जिसके बाद उन्होंने इसकी सूचना वन अमले को दी। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पदचिन्हों का निरीक्षण किया और पुष्टि की कि ये निशान बाघ के ही हैं।
छाल रेंजर चन्द्र विजय सिदार ने बताया कि क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाने की तैयारी की जा रही है, ताकि बाघ की उपस्थिति की पक्की जानकारी मिल सके। साथ ही, आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मवेशियों को जंगल की ओर न ले जाने की भी अपील की गई है।
वन विभाग का कहना है कि यह बाघ आसपास के किसी संरक्षित जंगल से भटककर आया हो सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च अधिकारियों को भी सूचित कर दिया गया है। क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है और वन अमला लगातार निगरानी बनाए हुए है। ग्रामीणों में बाघ की मौजूदगी को लेकर भय का माहौल है, लेकिन वन विभाग का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, बस सावधानी बरतनी जरूरी है।
छाल क्षेत्र में बाघ के मिले पदचिन्ह
लोकेशन ट्रेस करने में जुटा वन अमला, इलाके में अलर्ट जारी
