लैलूंगा। कलेक्टर जनदर्शन में ग्रामीणों की शिकायतों पर कार्रवाई न होने से शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। लैलूंगा के पत्रकार राकेश जयसवाल ने भ्रष्टाचार के मामले में कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) रायगढ़ को लिखित शिकायत और प्रमाण (वीडियो व फोटो) प्रस्तुत किए। शिकायत में लैलूंगा के प्रभारी बीएमओ पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
राकेश जायसवाल के अनुसार शिकायत में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, रेबीज इंजेक्शन, दवाई वितरण और अन्य चिकित्सा सेवाओं के लिए अवैध वसूली के साक्ष्य प्रस्तुत किए गए थे। यहां तक कि सरकारी आवास आवंटन में भी भारी रिश्वत का आरोप है। बताया गया कि प्रभारी बीएमओ द्वारा किसी भी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर के लिए भी रिश्वत मांगी जाती है। अस्पताल में सामान्य चोट पर पट्टी करने या लेबर रूम में प्रसव के लिए रुपए 600 तक वसूले जा रहे हैं।
कार्रवाई का इंतजार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की और मनोज पटेल को जांच अधिकारी नियुक्त किया। हालांकि, एक महीने बीतने के बाद भी न तो प्रभारी बीएमओ पर कोई कार्रवाई हुई और न ही शिकायतकर्ता को जांच की प्रगति की सूचना दी गई। वहीं शिकायतकर्ता को बार-बार रायगढ़ बुलाकर बयान दर्ज कराया गया, जबकि लैलूंगा से रायगढ़ की दूरी 80 किलोमीटर है। इतनी बार यात्रा करना संभव नहीं होने के कारण यह स्पष्ट है कि अधिकारियों द्वारा जानबूझकर मामले को लटकाया जा रहा है।
लैलूंगा अस्पताल बना भ्रष्टाचार का केंद्र
लैलूंगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। जन्म प्रमाण पत्र से लेकर दवाई तक हर सेवा में पैसे की मांग की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, प्रभारी बीएमओ ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से रिश्वत लेकर सरकारी आवास भवन आवंटित किए।
प्रशासन की चुप्पी से आक्रोश
पत्रकार संघ ने इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को शिकायत दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो वे विरोध प्रदर्शन पर उतारु होंगे।
कलेक्टर जनदर्शन में की गई शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग कर रहा लीपापोती
