रायपुर। छत्तीसगढ़ में नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर प्रशिक्षित डीएड और बीएड संघ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा है। उनका कहना है कि यदि सरकार अब भी भर्ती का नोटिफिकेशन नहीं निकालती है, तो यह प्रदर्शन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा। अभ्यर्थी शनिवार को इन्हीं मांगों को पूरा कराने के लिए मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने भी निकले थे। लेकिन, प्रदर्शनकारियों को बीच रास्ते में ही पुलिस ने धरना स्थल से कुछ दूरी पर उन्हें रोक लिया। दरअसल, डीएड और बीएड संघ शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे है।
इस मामले में संघ के अध्यक्ष दाउद खान ने बताया कि, छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड और बीएड संघ के सदस्यों ने कहा कि प्रदेश में शिक्षकों के 78000 से ज्यादा पद रिक्त है, लेकिन विधानसभा में केवल 57000 का आंकड़ा प्रस्तुत किया गया है। प्रदेश में 6000 से ज्यादा ऐसे स्कूल है, जहां केवल एक शिक्षक है। 700 से ज्यादा ऐसे स्कूल है, जहां शिक्षक ही नहीं है। संघ के लोगों ने कहा कि इस आंदोलन के जरिए हम सरकार का ध्यानाकर्षण करना चाहते हैं कि यदि सरकार को छत्तीसगढ़ के बच्चों के भविष्य की चिंता है, तो इन पदों पर भर्ती शुरू करें।
सरकार ने की घोषणा, लेकिन वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली
आंदोलनकारियों के बताया कि, विधानसभा के मुख्य बजट के दौरान तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शिक्षकों के 33 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा विधानसभा में की थी। लेकिन आज तक प्रदेश सरकार ने कोई भी पहल नहीं की है। न ही उन पदों की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। न ही उन पदों कोई प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया है। आंदोलन के जरिए संघ ने मांग की है कि सरकार बिना देरी किए 33000 शिक्षकों के पदों पर भर्ती शुरू करें। साथ ही शिक्षक और व्याख्यता, व्यायाम शिक्षक और लाइब्रेरियन के पदों में वृद्धि कर उनके पदों में भर्ती करें। साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत छत्तीसगढ़ी भाषा शिक्षा के लिए पद निकाल कर पीजी डिप्लोमा धारियों की नियुक्ति स्कूलों में की जाए। 57000 रिक्त शिक्षकों के पदों में भर्ती के लिए कैलेंडर जारी कर आरक्षित वर्ग को 5 प्रतिशत की छूट दी जाए।
आर-पार की लड़ाई पर अड़े बीएड-डीएड अभ्यर्थी
कहा- 33000 टीचरों की भर्ती का नोटिफिकेशन निकाले सरकार, अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा



