रायगढ़। जिले के तमनार ब्लॉक में ग्रामीण जर्जर सडक़ बनवाने की मांग पर अड़े हुए हैं। पिछले 54 घंटे से 10 गांव के ग्रामीण धरने पर बैठे हैं।
शुक्रवार सुबह 10 बजे से गारे स्कूल के पास उनका अनिश्चित- कालीन आंदोलन चल रहा है। शनिवार को तमनार एसडीएम ने ग्रामीणों को आंदोलन समाप्त करने के लिए समझाइश दी थी। उन्होंने कहा कि, सडक़ से मिट्टी हटाकर व्यवस्थित कर दिया गया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि, मिट्टी हटाने से काम नहीं चलेगा। बारिश होने पर फिर से कीचड़ होगा। नई सडक़ बनाकर दीजिए। जिस पर एसडीएम और तहसीलदार लौट गए।
रात में वहीं सो रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि, अनिश्चित-कालीन आंदोलन को दो दिनों से अधिक समय हो चुका है। ग्रामीण वहीं रात में सोते हैं और सुबह फिर से धरने पर बैठ जाते हैं। सुबह से महिलाओं की भीड़ सडक़ को लेकर नारेबाजी कर रही है। आंदोलन के पहले दिन लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार उन्हें समर्थन देने पहुंची थी। रविवार को भी लैलूंगा विधायक यहां पहुंचकर आंदोलन में शामिल हुई। उन्होंने ग्रामीणों की मांगों को भी जायज ठहराते हुए कहा कि, कल से यह आंदोलन हुकराडीपा चैक तमनार में किया जाएगा। सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने बताया कि, पहले चार गांव के लोग इस आंदोलन में थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ रही है। रविवार को पेलमा, उरबा, गारे, हिंछर, लालपुर, मिलुपारा, कोसमपाली, पाता, मुड़ागांव, सराईटोला गांव के सैकड़ों ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। तमनार एसडीएम डीसी मोर्य ने बताया कि, वे शनिवार की शाम को धरना स्थल पर गए थे। ग्रामीणों को बताया कि रोड से मिट्टी हटा दिया गया है, लेकिन इससे वे संतुष्ट नहीं हुए और कुछ अलग अलग समस्याएं भी रखी गई, लेकिन उनके लिए उन्हें विधिवत आवेदन देने की बात कही गई। ताकि उनकी समस्या दूर हो सके।
सडक़ के लिए धरने पर बैठे 10 गांव के ग्रामीण
54 घंटे से चल रहा अनिश्चित-कालीन, आंदोलन, बोले- नई सडक़ बनाकर दीजिए
