रायगढ़। मदर एण्ड चाइल्ड अस्पताल में उपचार कराने आने वाले मरीज के परिजनों को रहने के लिए डोरमेट्री हाल तो बना दिया गया, लेकिन देख-रेख के अभाव में यहां लोगों को रहना मुश्किल हो रहा है। इस उमश भरी गर्मी में न तो पंखा चलता है और न ही उनके लिए पानी की व्यवस्था है, जिसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि दिनों दिन बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक अलग से 100 बिस्तर का मातृ एण्ड शिशु अस्पताल चालू किया गया, साथ ही परिजनों के लिए डोरमेट्री हाल भी बनाया गया, ताकि परिजन यहां रहकर अपने मरीज का देख-रेख कर सके, लेकिन यह अस्पताल कुछ दिनों तक तो पूरी व्यवस्था के साथ संचालित हुई, लेकिन अब देख-रेख के अभाव में धीरे-धीरे अव्यवस्थाओं के चलते बदहाल होते जा रहा है, लेकिन इसकी जानकारी होने के बाद भी विभाग द्वारा मेटेनेंस नहीं कराने से यहां उपचार कराने आने वाले मरीज व परिजन दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इस अस्पताल को पूरी तरह से शुरू हुए मात्र दो से तीन साल ही हुआ है, लेकिन इतने ही दिनों में चारों तरफ अव्यवस्था फैलने लगी है। साथ ही यहां परिजनों के रूकने के लिए डोरमेट्री हाल बनाया गया है, जिसमें कई पंखे व लाईट लगा या गया था, जो अब पंखे तो पूरी तरह से बंद हो गए हैं, साथ ही धीरे-धीरे लाईट भी बंद होने लगी है, ऐसे में रात होते ही परिजनों की परेशानी बढ़ जा रही है, वहीं रात के समय लाईट नहीं जलने से महिलाओं को ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। साथ ही इसकी शिकायत भी अस्पताल प्रबंधन को किया गया है, लेकिन उनके द्वारा भी लाईट- पंखा सुधारने कोई पहल नहीं किया गया है, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रात होते ही कई महिलाएं अस्पताल के रोपवे पर अपना आसियाना बना ले रही है और किसी तरह गर्मी व मच्छरों के बीच रात गुजार रही है। ऐसे में अब इनको भी अपनी सेहत को लेकर चिंता सताने लगी है।
गायनिक वार्ड का ऐसी खराब
गौरतलब हो कि जिस समय अस्पताल हैंडओवर हुआ था, उस समय सभी वार्ड में मरीजों के लिए ऐसी लगाया गया था, जिससे अभी तक यहां भर्ती होने वाले मरीज काफी राहत के साथ उपचार कराकर लौट रहे थे, लेकिन अब विगत माह भर से थर्ड फ्लोर पर बना गायनिक वार्ड का तीन एसी ख्रराब पड़ा है, साथ ही दो एसी वर्तमान में चल रहा है, लेकिन वो भी सही तरीके से कूलिंग नहीं कर रहा है, जिससे गर्मी व उसम से नवजात बच्चे व महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा वहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अलग से कूलर रखवा दिया गया है, लेकिन खराब पड़े एसी का सुधार नहीं हो सका है।
बगैर शौचालय का डोरमेट्री हॉल
परिजनों के लिए डोरमेट्री हॉल तो बनाया गया है, लेकिन यहां न तो शौचालय है और न ही स्नान घर जिससे यहां रुकने वाले परिजनों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है, साथ ही बोर के पास नहाना पड़ रहा है। ऐसे में पुरुष तो खुले में नहा ले रहे हैं, लेकिन महिलाओं को काफी दिक्कत हो रही है। ऐसे में कई बार महिलाओं को साड़ी से घेरा बनाकर नहाना पड़ता है।
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डोरमेट्री हाल में पंखा नहीं चलने की शिकायत मिली है, जिससे उसमें लगे सभी पंखे को उतारकर जांच करने के लिए बोला है। साथ ही जहां तक गायनिक वार्ड के एसी की बात है तो उसे भी तत्काल रिपेयर कराया जाएगा।
डॉ. आर.एन. मंडावी, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
मरीजों के परिजन गर्मी व मच्छर के बीच काट रहे रात
एमसीएच के डोरमेट्री में अव्यवस्थाओं का आलम, न तो पंखा चल रहा और न ही है पानी की व्यवस्था
