रायगढ़। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर के मार्गदर्शन में 25 अगस्त से 08 सितम्बर 2023 तक रायगढ़ सहित समस्त विकासखण्डों में नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जिसके तारतम्य नेत्र सर्जनों एवं विकासखण्ड के समस्त नेत्र सहायक अधिकारियों द्वारा नेत्रदान एवं अंधत्व के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया जा रहा है कि कार्निया में किसी भी प्रकार के चोट लगने से सफेदी हो जाती है जिसका उपचार कार्नियल ट्रॉसप्लांट कर दृष्टि वापस लायी जा सकती है तथा मृत्यु पश्चात ही नेत्रदान की जाती है। नेत्रदान से किसी दृष्टिहीन व्यक्ति के जीवन में नई रोशनी आ सकती है नेत्रदान करने वालों की आयु 05 वर्ष से 60 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति की ऑख दान के लिये उपयुक्त मानी जाती है। लेकिन रैबिज, टीटनस, हेपेटाईटिस, सर्पदंश, जहर सेवन, जलने से या पानी में डुबने से हुई मृत्यु में नेत्रदान के लिये उपयुक्त नहीं माना जाता है। नेत्रदान करने के लिये औपचारिकताओं की आवश्यकता नहीं है, मृत व्यक्ति के परिजनों या उत्तराधिकारी के अनुमति पर नेत्र निकालने की प्रक्रिया की जाती है। नेत्रदान की प्रक्रिया मृत्यु होने के 06 घण्टे के अंदर पूरी कर ली जानी चाहिए इसके लिये जितनी जल्दी हो सके परिजनों या उत्तराधिकारी को इसकी सूचना चिकित्सकीय टीम को दी जानी चाहिए।