धरमजयगढ़। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया है । तकनीक तथा कुशल क्रियान्वयन की मदद से इसरो ने यह कारनामा कर दिखाया एवं भारत को पूरे विश्व में गौरवान्वित किया तथा पूरे विश्व में भारत देश का परचम लहरा दिया। उक्त तारतम्य में डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने इस ऐतिहासिक पल का अवलोकन किया। उत्साह पूर्ण तरीके से बच्चों ने चंद्रयान तीन का सफल लैंडिंग देखा तथा इसरो के कठिन परिश्रम और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उद्बोधन को सुना जो कि राष्ट्र के नाम समर्पित है। ज्ञात हो कि इसरो का गठन सन् 1962 में किया गया था तथा चंद्रमा के लिए भारत का पहला मिशन 22 अक्टूबर 2008 को श्री हरी कोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। इसके पश्चात 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:43 बजे चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया परंतु अपने मिशन में पूर्ण सफलता नहीं मिल पाई थी। जिस हेतु चंद्रयान-3 पुन: एक बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा गया। जो इस बार पूरे विश्व में अपना परचम लहराने में कामयाब रहा तथा चंद्रमा के ऊपर भारत के तिरंगे झंडे को लहराने में सफल हुआ। बच्चों में विज्ञान, तकनीकी तथा इस ऐतिहासिक पल को प्रेरणादायक बनाने हेतु प्रोजेक्टर के माध्यम से चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग का अवलोकन कराया गया। जिससे बच्चों की विज्ञान के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न हो। काफी जिज्ञासा के साथ तथा उत्साह के साथ छात्र-छात्राओं ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के रहस्यों को जानने हेतु पूर्ण लैंडिंग का अवलोकन किया। उक्त अवसर पर समस्त शिक्षक – शिक्षिकाएं उपस्थित रहे तथा इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।