रायगढ़। मौसम में बदलाव के साथ कभी उमस तो कभी बारिश होने के कारण लोगों के सेहत पर असर पडने लगा है। जिसके चलते एक बार फिर से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है। इन दिनों जो मरीज आ रहे हैं उनमें ज्यादातर सर्दी- बुखार की शिकायत आ रही है। ऐसे में तेज बुखार होने के कारण मरीजों को भर्ती करने की जरुरत पड़ जा रही है, जिसके चलते इन दिनों जिला अस्पताल के बेड फुल चल रहा है।
उल्लेखनिय है कि इन दिनों हल्की बारिश के बीच कभी धूप तो कभी बदली का दौर चल रहा है, जिससे मौसम में अचानक उमस हो जा रहा है तो हल्की बारिश होते ही मौसम सुहाना हो जाता है, जिसके चलते सर्द-गर्म होने से ज्यादातर लोगों को बुखार की शिकायत होने लगी है। ऐसे में अब सुबह से ही अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो जा रही है। ऐसे में कई मरीजों को तेज बुखार होने के कारण उनको भर्ती करने की जरूरत पड़ जा रही है तो कई लोग बुखार आते ही उपचार शुरू कर दे रहे हैं तो दो-चार दिन दवा लेने के बाद उनको राहत मिल जा रही है। ऐसे में अगर देखा जाए तो लगभग हर घरों में एक-दो लोग सर्दी बुखार के चपेट में हैं। ऐसे में विशेषज्ञों की मानें तो मौसम में उमस होने के कारण इस तरह की समस्या आ रही है। जिससे अब लोगों को खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, तभी मौसमी बीमारी से बचाव हो सकेगी। साथ ही बारिश के चलते कई पानी दूषित हो जाता है, जिससे बरसात के दिनों में अगर पानी को उबाल कर सेवन किया जाए तो सेहत के लिए काफी लाभदायक होगा। इसके साथ ही खान-पान पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि उमस के चलते भोजन भी दूषित हो रहा है।
हर दिन 200 से 250 कट रही ओपीडी पर्ची
इस संंबंध में अस्पताली सूत्रों के अनुसार मौसम में बदलाव होने के बाद जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है, जिससे चाहे-जिला अस्पताल हो या मेडिकल कालेज अस्पताल सुबह से ही मरीज कतारबद्ध नजर आने लग रहे है। ऐसे में जहां मेकाहारा में हर दिन 200 से 250 ओपीडी पर्ची कट रहा है तो जिला अस्पताल में भी हर दिन करीब 200 से अधिक ओपीडी पर्ची कट रहा है। जिसमें ज्यादातर मरीज सर्दी-बुखार के ही आ रहे हैं। ऐसे में देखा जाए तो दोनों जगह के मिलाकर प्रतिदिन 400 से 500 लोग उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
डेंगू-मलेरिया का सता रहा भय
गौरतलब हो कि रूक-रूक कर हो रही बारिश व जगह-जगह फैले कचरे के चलते मच्छरों की भी संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, जिससे ज्यादातर लोगों को मच्छरों के काटने से तबीयत खराब हो रहा है। जिसे जांच करने पर किसी को डेंगू तो किसी को मलेरिया की शिकायत आ रही है। हालांकि तत्काल उपचार शुरू होने से दो से चार दिन में आराम मिल जा रहा है। ऐसे में बरसात के दिनों में मच्छरदानी का उपयोग करना जरूरी हो गया है।
मौसम में बदलाव के साथ सर्दी-बुखार के बढऩे लगे मरीज
जिला अस्पताल के बेड हुए फुल
