रायगढ़। किसानों के सिंचाई और सतही भूजल स्तर को मजबूत बनाए रखने के लिए 1967 सन् में टीपाखोल जलाशय के निर्माण के नीव रखी गई और इसका निर्माण सन् 1975 में संपूर्ण हुआ जो जनता को सुपुर्द किया गया, जिसमें 1800 एकड़ के लगभग खेती जमीन में सिंचाई करने के लिए और इससे रायगढ़ शहर के उत्तरी बसाहट में भू जल स्तर को मजबूत बना रखने का प्रयास होते रहा,जिसके नहरें रायगढ़ शहर के तत्कालीन ढिमरापुर और वर्तमान में सेठ किरोड़ीमल चौक तक विद्यमान रही पर आज टीपाखोल जलाशय को किसकी नजर लग गई जो इसका सिंचाई रकबा लगभग एक चैथाई यानी की 400 एकड़ से भी कम हो गया और सतही भूजल बढिय़ा बनाए रखने वाली नहरों का भी रायगढ़ शहर के आस-पास नामों-निशान अब दिखता नहीं,अब इस टीपाखोल जलाशय पर खनिज माफिया की नजर लग गई जो शासकीय भूमि में 50 साल की खनिज लीज का पट्टा क्वार्टजाइट उत्खनन के लिए जनता और तत्कालीन कलेक्टर के विरोध के बावजूद भी गुपचुप तरीके से दे दिया गया।
रायगढ़ बचाओ लड़ेंगे रायगढ़ के विनय शुक्ला,सुरेश साहू, संतोष यादव(गुड्डा), प्रकाश पंडा,अक्षत खेडुलकर, अभिषेक चैहान, मुजीब अहमद, तिजेश जयसवाल, हरि मिश्रा,सुयश ठेठवार, सोनू, पियूष,सुधीर, किशन, अनिल चीकू आदि ने वर्तमान में रायगढ़ जिले के कलेक्टर कार्तिकेय गोयल आईएएस को पत्र प्रेषित कर आग्रह किया कि रायगढ़ जिले में सिंचाई के लिए बनाया गया टीपाखोल जलाशय के इर्दगिर्द पहाड़ पर जिला खनिज विभाग के द्वारा शासकीय भूमि पर क्वार्टजाइट उत्खनन के लिए मे – यंगटी इंटरप्राइजेज को 50 साल की लीज पर दिया गया है के दस्तावेजों का और स्थल का अवलोकन के साथ संपूर्ण जांच करवाकर लीज को त्वरित समाप्त करवाकर टीपाखोल जलाशय के अस्तित्व को बचाएं,यह ष्ष्टीपाखोलष्ष् जो की वादियां सुंदर पहाड़ों से घिरी हुई है जो हमेशा अपनी ओर आकर्षित करती रही है,पुराने रायगढ़ जिलेवासियों के लिए यह स्थल अत्यंत सुंदर मनोरम स्थल व सपरिवार घूमने और देखने योग्य रहा, प्रकृति ने इसे बचाए रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी पर व्यसायिक प्रतिष्ठानों ने इस जलाशय को अपनी जकडऩ में ले लिया और भू- माफियाओ ने इसके नहर को लील लिया आज इसके अस्तित्व को तीव्र गति से खत्म करने के षड्यंत्र होने लगे हैं।
टीपाखोल जलाशय के आसपास पहाड़ों में कीमती खनिज संपदा भरी पड़ी है इस पर निगाहें लग गई जिसमे खनिज माफियाओं और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने इसका अस्तित्व को तबाह करने के लिए में- यंगटी एंटरप्राइजेज को क्वार्टजाइट उत्खनन के लिए खनिज विभाग के द्वारा पहले तो 30 साल की लीज उसके पश्चात जानकारियां अनुसार 50 वर्षों के लीज मतलब 2003 से 2053 तक प्रदान कर दिया गया जबकि इस खनिज संपदा की प्रक्रिया में तत्कालीन कलेक्टर आर.एस.विश्वकर्मा के द्वारा स्वयं ही टीपाखोल जलाशय स्थित इस खनिज लीज के स्थल का अवलोकन किया और दिनांक 13 जुलाई 2005 को लीज खत्म करने के लिए उक्त नोट शीट में अपना अभिमत लिखा कि उन्होंने स्वयं स्थल का निरीक्षण किया और यह बांध क्षेत्र के बगल में है और संरक्षित स्थान है यहां किसी प्रकार का उत्खनन करना ठीक नहीं है अपितु इस आवेदन को अमान्य करने के लिए लिखें और लीज भी समाप्त करेंष्ष् जब स्वयं तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा स्थल निरीक्षण कर लीज समाप्त करने के नोटशीट प्रेषित किया तो उसके पश्चात भी उक्त यंगति इंटरप्राइजेज लीज देने के लिए वृहद स्तर पर षड्यंत्र हुए चूंकि तत्कालीन कलेक्टर आर.एस विश्वकर्मा का स्थानांतरण होने के पश्चात षड्यंत्रकरियों ने टीपाखोल जलाशय के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए अनेक गंभीर त्रुटि होने के पश्चात भी उक्त फर्म को उत्खनन करने के लिए 50 वर्षों के लिए सौंप दिया,टीपाखोल जलाशय जो की सिंचाई विभाग के अधीनस्थ है के कार्यपालन यंत्री और अन्य कर्मचारियों की निगाहें यहां तक कमजोर रही की खनिज उत्खनन करने वाली इस कंपनी ने ष्ष्बंडष्ष् एरिया तक खुदाई कर दिया और सिंचाई विभाग चुप रहा।
रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ के साथियों ने इस पत्र की छाया प्रति कार्यपालन यंत्री,जल संसाधन विभाग रायगढ़ और रायगढ़ के खनिज विभाग के सहायक संचालक खनिज शाखा,कार्यालय कलेक्टर को भी प्रेषित की है और आग्रह किया है कि जल्द से जल्द टीपाखोल जलाशय को बचाए रखने के लिए यंगति इंटरप्राइजेज की लीज को रद्द करें और क्योंकि इस जलाशय से किसानों और रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र के सतही भूरूजल स्तर को बनाए रखने का कार्य होता रहा है जो फिर से संपादित हो सकेगा।
टीपाखोल का अस्तित्व बचाने जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन
पूर्व क्लेक्टर ने निरीक्षण में लिखा था लीज रद्द करे खनिज विभाग, सिंचाई विभाग सोया रहा खनिज माफियाओं ने खोद दिया बंड एरिया, किसके दबाव में दिया यंगटी इंटरप्राइज को क्वार्टजाइट की लीज?
