रायगढ़। जिले में जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के लिए दिल्ली से जल शक्ति अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती रंजीता रश्मि रायगढ़ पहुंची। यहां उन्होंने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर कैच द रेन कार्यक्रम के तहत जिले में हुए कार्यों के अद्यतन प्रगति के बारे में जानकारी ली। सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्दर यादव ने जिले में जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए जा रहे विभिन्न विभागों के कार्यों व नवाचारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। निदेशक श्रीमती रंजीता रश्मि ने सभी विभागों के जल संरक्षण एवं जल स्त्रोत संवर्धन की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जिले में बेहतर कार्य हो रहे है। उन्होंने पीएचईओ को जल जीवन मिशन के कार्यों में आवश्यक प्रगति लाने के निर्देश दिए।
सीईओ जिला पंचायत श्री जितेन्दर यादव ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से जिले में जल संरक्षण व संवर्धन की दिशा में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भौगोलिक स्थिति के अनुसार जल स्त्रोतों को संवारने का कार्य किया जा रहा है। प्राकृतिक जल संवर्धन के माध्यम से भू-जलस्तर सुधारने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत प्राकृतिक जल स्त्रोतों, नदी, नालों के साथ ही अमृत सरोवर, उद्योगों के सहयोग से तालाबों पर कार्य किया गया है। जिससे वर्षा के जल को अधिक से अधिक संचय किया जा सका। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा नदी तट में भी वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान विभिन्न विभागों ने जल संचय एवं जल स्त्रोत संरक्षण के लिए किए जा रहे विभागीय कार्यों की जानकारी दी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बताया गया कि जिले में अमृत सरोवर पर कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही उनमें पीचिंग एवं निर्देशानुसार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देश की रक्षा से जुड़े जवानों, केन्द्रीय अद्धसैनिक बल एवं राज्य पुलिस बल से जुड़े हुए जवान जिन्होंने अपनी प्राणों की आहूति दी है। उनका नाम अंकित करने हेतु शीलापलकम (शिला पट्टिका)लगाने का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। इसी प्रकार अमृत वाटिका के माध्यम से वृक्षारोपण भी किया जा रहा है।
नरेगा के माध्यम से रोजगार मूलक कार्यों के साथ ही जल संरक्षण हेतु विभिन्न कार्य किए जा रहे है। इसी प्रकार केलो परियोजना के अधिकारी ने बताया कि केलो डेम के माध्यम से सिंचाई के साथ ही वाटर रिचार्ज का कार्य हो रहा है। वहीं नहरों के माध्यम से तालाबों को भी जल प्रदाय किया जा रहा है। वन विभाग ने बताया कि विभाग द्वारा नरवा उपचार, चेक डेम, गेबियन, कंटूर टे्रच, बोल्डर चेक डेम जैसी विभिन्न संरचनाएं बनायी जा रही है। जिससे भूजल स्तर में सुधार के साथ ही वन्य जीवों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन एवं जल जीवन मिशन के अधिकारी ने भी अपनी कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले के किसानों द्वारा सबसे अधिक धान की खेती किया जाता है, जिसमें सबसे अधिक पानी की आवश्यकता होती है। उन्हें कम पानी वाले फसलों को लेने के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है।
इस मौके पर डीएफओ रायगढ़ सुश्री स्टायलो मण्डावी, ज्वाईंट कलेक्टर श्री धनीराम रात्रे, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती रेखा चंद्रा, डिप्टी कलेक्टर श्री शिव कुमार कंवर, सीजीएम डीआईसी श्री एस.के.राठौर, पीईएचई श्री परीक्षित चौधरी, ईई जल संसाधन विभाग श्री गुप्ता, ईई केलो परियोजना श्री पी.आर.फुलेकर सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।