रायगढ़। वर्ष 2016 के दौरान 31 ट्रस्ट्रियों के सामूहिक प्रयासों से बहु प्रतीक्षित विवाह घर अग्रोहाधाम का सपना वर्ष के अंत तक साकार होने जा रहा है। 84 सर्व सुविधायुक्त कमरों, आकर्षक साज सज्जा से युक्त हाल, आलीशान पोर्च, भव्य मंदिर और सुंदर गार्डन के साथ सुसज्जित यह अग्रोहाधाम अग्र समाज का देश का सबसे बड़ा धर्मशाला होगा।
इस संबंध में विस्तार से जानकारी देने हेतु ट्रस्ट से जुड़े अध्यक्ष राकेश अग्रवाल ने आयोजित प्रेस वार्ता में कहा महंगे विवाह घरों के खर्चों के निजात देने के लिए 31 ट्रस्ट्रियों ने सर्व सुविधायुक्त विवाह घर के निर्माण का सपना देखा और सभी सदस्यों द्वारा मुक्त हृदय से भवन निर्माण हेतु दान दिया गया। इसके साथ ही ट्रस्ट्रियो ने दानवीर सेठ किरोड़ीमल के सिद्धांतो को अपनाते हुए अपने नाते रिश्तेदारों एव समाज के सभी अग्र जनों को भी अग्रोहाधाम निर्माण के दान हेतु प्रेरित किया यही वजह है कि सभी अग्र जनों एव सदस्यों के त्याग समर्पण लगन की वजह से बहु प्रतीक्षित विवाह घर का सपना इस वर्ष के अंत तक साकार होने जा रहा है।
प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि सेठ किरोड़ी मल की इस नगरी में दान की परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने एवम शादी के दौरान महंगे विवाह घरों के खर्चों से मुक्ति दिलाने हेतु सर्वसुविधा युक्त विवाह घर निर्माण का बीड़ा उठाया गया था। इसके निर्माण पूरा होते ही सर्व हारा वर्ग को शादियों के दौरान महंगे विवाह घरों हेतु व्यय किए जाने वाले खर्चे से निजात मिल सकेगी। अग्रोहाधाम में विवाह के अलावा अन्य सामाजिक धार्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जा सकेगा। अग्रोहाधाम में विवाह हेतु दोनो पक्षों सहित विवाह आयोजन के दौरान सहयोगियो के आवास निवास का भी समुचित प्रबंध किया गया है।
वर्ष के अंत तक प्रथम चरण का कार्य पूरा होने के बाद द्वितीय चरण के निर्माण संबधी जानकारी देते हुए बताया गया कि 20 हजार स्क्वायर फीट वातानुकूलित हाल के साथ पांच हजार स्क्वायर फीट की रसोई का निर्माण प्रस्तावित है। कोरोना काल की कठिन अवधि के दौरान भी अग्रोहा धाम के निर्माण का कार्य निर्बाध गति से जारी रहा यही वजह है कि साढ़े तीन सालो में प्रथम चरण का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है। संभवतः वर्ष के अंत तक शुरू होने की दशा में दीपावली के बाद बुकिंग का कार्य प्रारंभ करने की सूचना सार्वजनिक की जाएगी। अग्रोहाधाम संचालन हेतु गंभीरता पूर्वक बनाई गई नियमावली की जानकारी देते हुए बताया गया कि ट्रस्ट द्वारा बनाए गए नियम ट्रस्ट्रियों सहित सर्वहारा वर्ग पर समान रूप से लागू होंगे।
मांसाहार व मंदिरापान रहेगा प्रतिबंधित
निर्धारित दर पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आने वाला अतिथि अग्रोहाधाम की बुकिंग नियमानुसार करा सकता है। शादी के अलावा रिक्त रहने पर धार्मिक एवं सामाजिक आयोजन भी किए जा सकेंगे। आयोजनो के दौरान नशे का सेवन मदिरापान धुत क्रीड़ा सहित मांसाहार खाने पकाने में पूर्ण तथा प्रतिबंध रहेगा। वर्ष 2016 के दौरान इस विवाह घर हेतु गठित ट्रस्ट ने सबसे पहले शहर के बाहर भगवान पुर क्षेत्र में मुख्य मार्ग से लगी 6 एकड़ जमीन क्रय की जिसमे एक लाख स्क्वायर फीट के भवन निर्माण हेतु भूमि पूजन अक्टूबर वर्ष 2019 के दौरान किया गया।
कोरोना काल के कठिन समय के दौरान भी ट्रस्ट से जुड़े सभी सदस्य दिन रात इस महान कार्य को पूरा करने दिन रात जुटे रहे। यही वजह है कि 83 वातानुकूलित कमरों वाला एक लाख स्क्वायर फीट का भवन, चालीस हजार स्क्वायर फीट का लान, पांच हजार स्क्वायर फीट का वातानुकूलित हॉल विवाह हेतु 200 स्टाफ के लिए भवन सहित 200 वाहनों की पार्किंग का कार्य समाप्ति की ओर है।
दान हेतु एक ईंट एक रूपया के सिद्धांत को लेकर घर घर जायेंगे ट्रस्टी
समाज वाद के प्रवर्तक महाराजा अग्रसेन ने समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगो को भी दान की परंपरा से जोड़ने हेतु एक ईंट एक रुपया भी दान लेना स्वीकार किया ताकि महाराजा अग्रसेन की संताने हर स्थिति में सेवा कार्यों हेतु दान की परंपरा को जीवित बनाए रखे। अग्रोहा धाम चेरेटीबल ट्रस्ट से जुड़े सभी ट्रस्ट्री भी महाराजा अग्रसेन के इस समाज वाद सिद्धांत को आत्मसात करते हुए रायगढ़ के हर घर को एक ईंट एक रुपया दान की परंपरा से जोड़ने का पुनीत एवम शाश्वत प्रयास करेंगे ताकि अग्रोहाधाम के निर्माण हेतु समाज के सभी लोगो के सहयोग की ईंट लग सके। आने वाली पीढ़ी के लिए ट्रस्ट का यह कदम मिल का पत्थर साबित होगा।
इनकी रही उपस्थिति
प्रेस वार्ता के दौरान अग्र समाज के द्वारा गठित अग्रोहाधाम के ट्रस्टियों तथा शहर के गणमान्य अग्रजनों में अध्यक्ष राकेश अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल, सुशील मित्तल, सुशील रामदास अग्रवाल, राजेश अग्रवाल (बंटी) अंकुर बंसल, दीपक अग्रवाल, बजरंग मित्तल, कमल अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, अजय जैन, आशीष जिंदल, बंटी सिंघल सहित अग्र समाज के अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।