रायगढ़। छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी ने 21 सीटों से अपने उम्मीदवारों का नामों का ऐलान कर दिया है। खरसिया विधानसभा सीट से इस बार महेश साहू और धरमजयगढ़ विधानसभा सीट से हरिशचन्द्र राठिया उम्मीदवार होंगे।
विधानसभा चुनाव में कम-से-कम ढाई महीने बाकी हैं और चुनाव आयोग ने अभी तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने गुरूवार को प्रदेश की 21 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है जिसमें दो सीट खरसिया और धरमजयगढ़, रायगढ़ के हैं। खरसिया से महेश साहू और धरमजयगढ़ से हरीशचंद्र राठिया को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। लैलूंगा को लेकर पार्टी में ज्यादा मंथन नहीं है पर रायगढ़ को लेकर खूब हो हल्ला मच रहा है।
बात धरमजयगढ़ की करें तो 1977 से 1998 तक लगातार 6 बार कांग्रेसी नेता चनेश राम राठिया ने चुनाव जीता। उनके विजयी रथ को 2003 में भाजपा के ओपी राठिया ने रोका और 2008 में भी वे विजयी हुए। 2013 में चनेश राठिया के पुत्र लालजीत सिंह राठिया ने ओपी को हराया और वर्तमान में वही विधायक हैं। ठीक इसके उलट खरसिया में भाजपा आज तक नहीं जीत सकी है। पहले यहां से नंदकुमार पटेल लगातार जीत दर्ज कर रहे थे। उनके शहीद होने के बाद उनके पुत्र उमेश पटेल खरसिया से लगातार जीतते आ रहे हैं।
इस बार जिले के धरमजयगढ़ सीट से भाजपा के हरीशचंद्र राठिया कांग्रेसी दिग्गज स्व. चनेश राठिया के पुत्र लालजीत सिंह राठिया के खिलाफ उतरे हैं। लालजीत दो बार से विधायक हैं। इससे पहले स्व. ओपी राठिया ने धरमजयगढ़ सीट में सेंध लगाई थी तब इनके पिता चनेश राम राठिया जो 6 बार से लगातार जीत रहे थे को चुनौती दी थी। ओपी राठिया की तरह हरीशचंद्र भी जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं और आदिवासी बेल्ट में उनकी अच्छी धमक है। बकारूमा गांव के गनपतपुर से आने वाले हरीशचंद्र राठिया के दादा नाम पर ही गांव का नाम पड़ा है उनका परिवार क्षेत्र में सम्मानीय है और लोगों के बीच अच्छी धाक है। समीकरण ठीक उसी तरह तैयार हैं जैसा ओपी राठिया के समय था। स्थानीय मुद्दों और क्षेत्र की दुर्दशा को क्षेत्र के लोगों के बीच उन्होंने खूब भुनाया और एक बड़ा उलटफेर करने में कामयाब हुए। हरीश भी ओपी राठिया की ही तरह रणनीति के तहत चल रहे हैं। गुरू और चेला फिलहाल तो उसी दिशा में बढ़ रहे हैं। हालांकि यह समय बताएगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है पर चुनाव के करीब 3 महीने पहले प्रत्याशी के नाम की घोषणा ने भाजपा को तैयारी करने का पूरा समय दे दिया है।
महेश साहू खरसिया विधानसभा क्षेत्र में किसी पहचान के मोहताज नहीं है। तीन दशक से वह क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं, समाज के साथ ही सभी वर्गों के साथ उनके संबंध बेहतर हैं। डूमरपाली से आने वाले महेश साहू के परिवार से ही बाबा सत्यनारायण आते हैं और इस कारण क्षेत्र में उनकी महत्ता और बढ़ जाती है। 42 वर्षीय महेश साहू 3 दशक से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं संगठन में विभिन्न पदों रहे हैं। इसके साथ ही महेश प्रदेश स्तर पर साहू समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं और दीगर राज्यों के नेताओं से उनके अच्छे संबंध है। महेश साहू ने कहा कि इस बार मैंने खरसिया क्षेत्र में खूब मेहनत की है लोगों के बीच लगातार संपर्क स्थापित किया है। खरसिया की भौगौलिक, सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है जिसका सही आंकलन हम कर रहे हैं। पुराने खरसिया और नए खरसिया में काफी अंतर है और यहीं पर भाजपा अन्य राजनीतिक पार्टियों से काफी आगे है। उमेश पटेल के सामने कैसे टिकेंगे के सवाल पर महेश ने कहा कि वो स्थानीय मुद्दों के बूते अपनी बात जन-जन तक पहुंचायेंगे।