रायपुर। पिछली भूपेश सरकार के कार्यकाल में संचालित और वर्तमान में बंद पड़ी योजनाओं की राशि के दुरुपयोग की शिकायतें मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने सख्ती दिखाई है.
विभाग ने बंद योजनाओं की बकाया राशि की जानकारी मांगी है और इसके खर्च पर रोक लगा दी है. विभागों और संबंधित पक्षों को सख्त निर्देश दिये गये हैं कि बंद योजनाओं के नाम पर बैंक खातों में उपलब्ध राशि को सरकारी खातों में जमा किया जाये.
वित्त विभाग ने कहा है कि यह देखने में आया है कि विभिन्न योजनाओं के लिए प्राप्त राशि अभी भी बैंक खातों में मौजूद है और उस राशि का उपयोग राज्य और क्षेत्रीय कार्यालयों में किया जा रहा है. विभाग ने प्रदेश के सभी विभागीय सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिला कलेक्टरों को आदेश जारी कर रिपोर्ट भी मांगी है. वित्त विभाग ने आशंका जताई है कि बंद योजनाओं से राशि निकालने में कई अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध हो सकती है. विभागाध्यक्षों को इस पर ध्यान देना चाहिए. फि जूलखर्ची और मितव्ययिता पर अंकुश लगाने के लिए वित्त विभाग एक्शन में फिजूलखर्ची और मितव्ययिता पर अंकुश लगाने के लिए वित्त विभाग मिशन मोड पर नजर आ रहा है। 13 मई को विभाग ने सरकारी वाहनों की पात्रता को लेकर नया आदेश जारी किया, जिसमें अधिकारियों के लिए वाहन खरीदने की राशि तय की गयी, वहीं पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति में गड़बड़ी की स्थिति में अधिकारियों पर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया.
ग्रामीण औद्योगिक पार्क (आरआईपीए) ग्रामीण औद्योगिक पार्क (आरआईपीए) योजना फिलहाल बंद है। राज्य सरकार ने योजना में हुई अनियमितताओं के लिए एक जांच कमेटी भी गठित की है. राज्य सरकार ने रीपा में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर खर्च की गई राशि का महाधिवक्ता के माध्यम से ऑडिट कराने का प्रस्ताव विधानसभा में रखा था. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टीम बनाकर भौतिक सत्यापन की भी बात कही गयी है.
राजीव युवा मितान क्लब
राजीव युवा मितान क्लब योजना के तहत पिछले तीन वर्षों में रु. 132 करोड़ से ज्यादा खर्च हो चुके हैं. राजीव युवा मितान क्लबों के नाम पर खर्च की गई राशि की उपयोगिता की जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के नाम पर बिना कोई कार्यक्रम आयोजित किये फर्जी प्रमाण पत्र एवं रिपोर्ट प्रस्तुत कर पैसे निकालने की शिकायत मिली है.
गोधन न्याय योजना बंद
गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए प्रति किलो की कीमत पर गोबर खरीदने की योजना भी बंद कर दी गई है। गोबर खरीदी के नाम पर करोड़ों के फर्जी भुगतान की शिकायतें थीं, वहीं गोबर खाद की बिक्री में भी भ्रष्टाचार हुआ था. बीजेपी नेताओं ने गोधन न्याय योजना को लालू यादव के चारा घोटाले से भी बड़ा बताया.
बंद योजनाओं में वित्त विभाग ने कसा शिकंजा, रोका पैसा
