सारंगढ़। नगर के विप्र समाज के द्वारा परशुराम जन्मोत्सव पर भव्य शोभा यात्रा शहर में निकाला गया ।शोभा यात्रा में सर्व समाज के लोगों के द्वारा चौक चौराहे पर ठंडा , शीतल जल और अल्पाहार की व्यवस्था की गई थी । नंदा चौक में तुलसी केसरवानी, मनोज केसरवानी रेशम पटेल ,करण यादव, राजू फूल वाला के द्वारा ठंडा की व्यवस्था की गई थी शोभा यात्रा बड़े मठ गोपाल जी मंदिर होते हुए , छोटे मठ गोपाल जी मंदिर, नंदा चौक होते हुए जयस्तंभ चौक , सिनेमा हॉल चौक, राजा पारा होते हुए अपने गंतव्य स्थल पर पहुची , जहां समाज के द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । इस शोभा यात्रा में सैकड़ो महिला, पुरुष , युवक और वृद्धजन शामिल रहे । जिला अधिवक्ता संघ अध्यक्ष विजय तिवारी , अधिवक्ता सुभाष नंदे , हरे कृष्ण तिवारी, दीपक तिवारी, पूर्व सोसायटी अध्यक्ष मिश्रा जी, संजय पांडे, गोपेश द्विवेदी के साथ ही साथ सैकड़ो गणमान्य , प्रतिष्ठित नागरिक उपस्थित रहे । अधिवक्ता विजय तिवारी ने बताया कि – भगवान परशु राम के पिता का नाम जमदग्नि और माता का नाम रेणुका था । भगवान परशुराम अत्यंत क्रोधी स्वभाव के थे । उनके क्रोध से देवी देवता भी थरथर कांपते थे । एक बार परशुराम ने क्रोध में आकर भगवान गणेश का दांत तोड़ दिया था । भगवान परशुराम ने 21 बार पृथ्वी को क्षत्रिय विहीन कर दिया था , वही पिता के कहने पर उन्होंने अपनी मां को भी मार दिया था । इस दिन भगवान विष्णु के परशु राम अवतार की पूजा करने से शत्रुओं का नाश , शौर्य में वृद्धि , ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है । भगवान शिव का परशु जिसे फरसा या कुल्हाड़ी भी कहते हैं । यह इन्हें बहुत प्रिय था । वह इसे हमेशा साथ रखते थे । परशु धारण करने के कारण ही इन्हें परशुराम कहा गया । भगवान परशुराम महादेव और भगवान विष्णु के संयुक्त अवतार माने जाते हैं । इन्हें चिरंजीव रहने का वरदान प्राप्त हुआ है।
भव्यता से भरी हुई निकली परशुराम की शोभा यात्रा

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lochan Gupta
