रायपुर। बेमेतरा के बिरनपुर सांप्रदायिक हिंसा की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में लेते ही शनिवार 27 अप्रैल को 12 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामले में सीबीआई के अफसर जल्द आरोपियों से पूछताछ करेंगे। 12 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर होने की पुष्टि सीबीआई के अधिकारियों ने की है। सीबीआई के अफसरों के मुताबिक इन आरोपियों से पूछताछ के बाद नए सिरे से जांच होगी। जांच के दौरान सही कारणों का पता लगाने के लिए ग्रामीणों, संदेहियों, आरोपियों, आंदोलनकारियों, पुलिसकर्मियों और घटना के बाद गांव पहुंचने वाले जनप्रतिनिधियों से पूछताछ की जाएगी। इनमें कांग्रेस-बीजेपी के जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं।
12 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर हुई है जिनमें 1. नवाब खान, बिरनपुर, बेमेतरा 2. जलील खान, बिरनपुर, बेमेतरा 3 बसीर खान, बिरनपुर, बेमेतरा 4. मुख्तार मोहम्मद, बिरनपुर, बेमेतरा 5 सफीक मोहम्मद, बिरनपुर, बेमेतरा 6. सफीक मोहम्मद, बिरनपुर, बेमेतरा 7. अकबर खान, बिरनपुर, बेमेतरा 8. मोहम्मद जनाब, बिरनपुर, बेमेतरा 9 अयूब खान, बिरनपुर, बेमेतरा 10 निजामुद्दीन पुत्र, बिरनपुर, बेमेतरा 11 रशीद खान, बिरनपुर, बेमेतरा 12 कल्लू खान, बिरनपुर, बेमेतरा शामिल हैं।
सीबीआई की टीम हफ्ते भर में यानी मई के शुरुआती दिनों में छत्तीसगढ़ आएगी। एक साल पहले अप्रैल महीने में ही बिरनपुर में हिंसा हुई थी। 8 अप्रैल 2023 को भुनेश्वर साहू की पीट-पीटकर हत्या की गई थी। साजा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले बिरनपुर गांव में दो बच्चों के बीच मामूली कहासुनी के बाद हिंसा की शुरुआत हुई थी। सांप्रदायिक दंगे में एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के भुनेश्वर साहू(22) की हत्या कर दी थी। इसके तीन दिन बाद 11 अप्रैल को पिता-पुत्र रहीम मोहम्मद और ईदुल मोहम्मद की लाश मिली थी। शक्तिघाट इलाके में पिता-पुत्र बकरी चराने के लिए जंगल में गए थे।
8 अप्रैल 2023 को स्कूली बच्चों का हुआ था विवाद
बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में 8 अप्रैल 2023 को स्कूली बच्चों का विवाद हुआ था। 2 स्कूली छात्रों के बीच रास्ते में साइकिल चलाते समय कट मारने को लेकर विवाद हुआ था। इस दौरान एक युवक ने छात्र के हाथ पर कांच की बोतल तोड़ दी। जिसके चलते उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया। बिरनपुर गांव के बच्चे पढ़ाई के लिए पास के ही गांव चेचान मेटा जाते हैं। गांव से स्कूल जाने वाले मुख्य मार्ग पर ही कबाड़ी की दुकान है। कबाड़ी दुकान में इकट्ठा होने वाले लडक़ों ने ईश्वर साहू के मोहल्ले के 6वीं, 7वीं के स्कूल से लौट रहे बच्चे को कांच फेंककर मारा। जिसके चलते उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया। बच्चा रोते हुए घर चला गया। ईश्वर साहू काम से घर लौटे, तो देखा कि मोहल्ले में मुखिया लोगों के साथ मीटिंग कर रहे है। वह भी साथ में खड़े हो गए और कबाड़ी दुकान की तरफ सब बात करने लगे। ईश्वर साहू अपने मुखिया के साथ गए था। पिता को जाता देखा भुनेश्वर साहू भी वहां चला गया। घटना की जानकारी बच्चों के घरों तक पहुंची, तो दोनों पक्षों के लोगों के बीच मारपीट होने लगी। इस बीच दूसरे पक्ष के लोगों ने तलवार से हमला कर 23 साल के भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी थी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे साजा थाने के एसआई बीआर ठाकुर पर भी भीड़ ने हमला कर दिया। कुछ वाहनों में आगजनी भी की।
धारा 144 लगी, दो दिन बाद पिता-पुत्र की लाश मिली
हिंसक घटना के बाद बिरनपुर में धारा 144 लगा दी गई। भुनेश्वर साहू की मौत के दो दिन बाद बिरनपुर गांव में शक्तिघाट इलाके में 10 अप्रैल को पिता-पुत्र रहीम मोहम्मद और ईदुल मोहम्मद की लाश मिली। इस घटना के बाद दोबारा हिंसा बढ़ी थी। बिरनपुर कांड की जांच के बाद पुलिस ने अलग-अलग सात एफआईआर दर्ज की थी। कुल 28 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। 8 अप्रैल को की घटना के 11 आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया था। वहीं, 10 अप्रैल को बंद के दौरान आगजनी और नुकसान पहुंचाने के मामले में नाबालिग समेत 9 आरोपी पकड़े गए थे। जबकि गांव के बाहर कोरवाय खार में रहीम उम्मद मोहम्मद और उसके बेटे ईदुल मोहम्मद की हत्या के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने जांच में आरोपियों की संख्या बढऩे का दावा भी किया था।
बिरनपुर हिंसा में 12 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर
केस हेंडओवर लेते ही दूसरे दिन सीबीआई का एक्शन
