भिलाई। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के रहने वाले लडक़ों के ग्रुप ने कुछ अन्य लोगों की मदद से एक आरके टेक्नोलॉजी नाम से फर्जी शेयर ट्रेडिंग एप बनाया। इसके बाद उसमें लोगों से निवेश करवाकर पहले उन्हें अच्छा रिटर्न का लालच दिया, उसके बाद उनका सारा पैसा निकाल कर हजम कर गए।
उनके इस ठगी के मायाजाल में दुर्ग जिले के रहने वाले और एएसपी ट्रैफिक के पद से बिलासपुर से रिटायर हुए 62 वर्षीय रोहित बघेल भी फंस गए। उन्होंने पहले तो आरके टेक्नोलॉजी एप में ज्वाइन कर कुछ निवेश किया। शुरूआती दौर में उन्हें काफी अच्छा रिटर्न मिला। इससे वो काफी उत्साहित हो गए और उन्होंने दिसंबर 2023 से लेकर फरवरी 2024 के बीच मात्र 3 महीने में 1 करोड़ 29 लाख रुपए का निवेश उस एप कर डाला। उन्हें ठगी का पता तब चला जब एप में अचानक उन्हें करोडों का घाटा दिखाकर उनके खाते में माइनस 55 लाख रुपए दिखाने लगे।
इसके बाद दुर्ग पद्मनाभपुर थाना अंतर्गत आदर्श नगर निवासी रोहित बघेल थाना पद्यमनाभपुर जाकर मामले की शिकायत दर्ज कराई। उन्होने बताया कि उन्होंने आर.के.टेक्नालॉजी कम्पनी के कर्मचारी सिद्धार्थ सक्सेना द्वारा शेयर बाजार में ट्रेडिंग के नाम पर डी-मेट एकांउट खोला था। इसके बाद उसमें 1 करोड़ 29 लाख रुपये के शेयर में निवेष किया। पुलिस ने ठगी का माला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने पूरे लेन देन की सूक्ष्मता से जांच की। मोबाईल नम्बरों के कॉल डिटेल निकाले। ठगी में उपयोग किये विभिन्न बैंकों के खातों का स्टेटमेंट निकाला।
मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि घटना करने वाले आरोपियों ने झांसी उत्तर प्रदेश में रहकर ठकी का खेल खेला है। इतना ही नहीं उन्होंने मध्यप्रदेष के छत्तरपुर, ग्वालियर, राजनगर, भोपाल, झांसी (उ.प्र.) अलग-अलग खाते खुलवाएं हैं और उसी में निवेश करवाकर एटीएम के माध्यम से रकम की निकासी कर ले रहे हैं।
इसके बाद एसपी दुर्ग जितेंद्र शुक्ला ने निरीक्षक अम्बर सिंह के नेतृत्व में एक टीम को भोपाल के लिए रवाना किया। टीम ने पाया कि आरोपियों की उपस्थिति लगातार भोपाल से ग्वालियर, शिवपुरी, इंदौर फिर झांसी में मिल रही है। इसी दौरान उन्हें पता चला कि झांसी में सर्व नगर स्थित चावड़ा बिल्डर्स के अपार्टमेन्ट में ये लोग अपना ऑफिस बनाकर रखे हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने सीधे उस बिल्डिंग के तीसरे माले में दबिश दी।
6 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
दबिश के दौरान पुलिस ने आकाश चौहान, अमित यादव, गौरव सिंह परमार, दिग्विजय सिंह बुंदेला, शिवम यादव और बाबू रैकवार को गिरफ्तार किया। उनके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन व सिम कार्ड प्राप्त हुआ। सभी से अलग-अलग पूछताछ करने पर आकाश उर्फ लक्की ने सिद्धार्थ सक्सेना और अमित यादव ने राहुल गुप्ता व विक्रांत गुप्ता के नाम से रोहित बघेल से मोबाईल पर बात की। अन्य साथी गौरव सिंह परमार उर्फ हमीद उर्फ अमित शर्मा, दिग्विजय सिंह, शिवम यादव उर्फ राम उपाध्याय और बाबू रैकवार उर्फ अमन ने बैंक खातों की व्यवस्था की। उनके द्वारा ही बैंक से एटीम के माध्यम से रुपए निकाले गए।
मामले के मास्टर माइंड अभी भी फरार
इस पूरे मामले के मास्टर माइंड जितेन्द्र परमार और यशवर्धन सिंह परमार आरके टेक्नोलॉजी एप के डारेक्टर है। इनके द्वारा ही धोखाधड़ी की पूरी प्लानिंग की गई। पकड़े गए आरोपियों को वो लोग ठगी की रकम से 10 प्रतिशत हिस्सा देते थे। ठगी के लिए उपयोग किए गए बैंक खाते, सिम कार्ड, मोबाईल फोन, कम्प्यूटर सिस्टम और लोगों का पर्सनल डाटा इन्हीं के द्वारा आरोपियों को दिया जाता था।
बड़ी संख्यां में मोबाइल फोन, सिम व एटीएम जब्त
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पृथक-पृथक विभिन्न कंपनियों के 17 नग मोबाईल फोन, उसमें लगने वाले 19 सिम कार्ड, 13 मोबाईल फोन चार्जर, विभिन्न बैंकों के 9 एटीएम कार्ड, 1 पास बुक, वोटर आईडी कार्ड, पेन कार्ड, ठगी की रकम से खरीदे गये वाहन एमपी 09 डब्ल्यू एम 6238 रेनो ट्रिबर, यूपी 93 सीसी 0806 महिन्द्र एक्सयूवी 300, ठगी की घटना से खरीदे गये सोने के आभूषण और नगदी रकम 17500 रुपए जब्त किया है।