रायगढ़। जिले में संचालित हो रहे मेडिकल कालेज अस्पताल इन दिनों उगाही का अवैध अड्डा बन गया है। यहां उपचार कराने आने वाले मरीज के परिजनों से अस्पताल में घुसने से पहले ही सुरक्षाकर्मियों द्वारा गेटपास के नाम पर रुपए की मांग करते है, लेकिन रुपए नहीं देने पर पीडि़त मरीजों को अस्पताल के दहलीज से बगैर उपचार के ही वापस लौटना पड़ रहा है।
इस संबंध में मिली जनकारी के अनुसार सरंगढ़ जिला की एक महिला को शनिवार देर रात लेबर पेन हुआ, जिससे उसके परिजन उपचार के लिए मेडिकल कालेज अस्पताल रविवार को सुबह करीब 5 बजे पहुंचे, जब अस्पताल के गेट पर पहुंचे तो वहां पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने पहले ही गेटपास मांगने लगे, उनका कहना था कि पहले गेटपास तो तब अंदर जाने देंगे, ऐसे में उसका कहना था कि अस्पताल के अंदर जाएंगे तब तो गेटपास काउंटर से बनवाएंगे, जिसको लेकर उसके साथ बदतमिजी किया जाने लगा, जिससे परेशान होकर उसके परिजन पीडि़त महिला को बगैर उपचार के ही वापस लेकर चले गए, ऐसे में यहां हर दिन अस्पताल आने वाले मरीज व परिजनों को परेशान किया जाता है। जिसको लेकर अब इस अस्पताल से लोगों का मोह भंग होने लगा है।
ज्ञात हो कि जिलेवासियों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए खर्च कर मेडिकल कालेज अस्पताल शुरू किया गया है, जिससे उपचार की लालसा लेकर रायगढ़, सारंगढ़, सक्ती, जांजगीर-चांपा के अलावा पड़ोसी राज्य ओडिशा से भी हर दिन यहां मरीज पहुंचते हैं, ताकि यहां एक ही छत के नीचे जांच से लेकर उपचार तक की सुविधा मुहैया उपलब्ध हो सके, लेकिन विगत कुछ दिनों से इस अस्पताल की ऐसी स्थिति बन गई है कि न तो यहां जांच की सुविधा है और न ही बेहतर उपचार हो पा रहा है। इसके बाद भी लोगों के पास कोई दूसरा ऑप्सन नहीं होने के कारण हर दिन 400 से 500 ओपीडी मरीज पहुंच रहे हैं, जिससे गंभीर भर्ती होकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, लेकिन विगत कुछ दिनों से मेडिकल कालेज अस्पताल के प्रबंधन द्वारा तुगलकी फरमान जारी करते हुए सुरक्षा कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि बगैर गेटपास के किसी भी मरीज के परिजनों को वार्ड में न जाने दे, साथ ही एक मरीज के साथ एक ही व्यक्ति को रहना है, ताकि अस्पताल में ज्यादा भीड़ न हो, लेकिन इस आदेश का सुरक्षाकर्मी बेजा फायदा उठाना शुरू कर दिया है। ऐसे में अब अस्पताल आने वाले मरीज व उनके परिजनों को अस्पताल में घुसने के लिए सुरक्षाकर्मियों को रुपए देने पड़ रहे हैं। इसके बाद मरीज ओपीडी कांउटर तक पहुंच रहे हैं, साथ ही जो मरीज के परिजन पैसे नहीं दे रहे हैं, उनको गेट से ही वापस कर दे रहे हैं, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश पनपने लगा है। साथ ही मेकाहारा में ज्यादातर ग्रामीणा क्षेत्र के गरीब तबके के लोग यह सोंच कर आते हैं कि यहां बगैर रुपए खर्च किए ही बेहतर उपचार होगा, लेकिन अब स्थिति ऐसी बन गई है कि अस्पताल में प्रवेश के लिए रुपए की मांग की जा रही है, इसके बाद भी इन सुरक्षाकर्मियों पर न हो अस्पताल प्रबंधन कुछ कर पा रहा है और न ही सुरक्षा एजेंसी ध्यान दे रही है। जिससे लोगों को खासा परेशान होना पड़ रहा है।
मुझे इसकी जानकारी मिली है। मैं रात तक रायगढ़ पहुंच जाऊंगा, इसके बाद सोमवार को इस मामले की जांच कर दोषी गार्डों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी । साथ ही अब स्थानीय युवाओं को मौका दिया जाएगा।
प्रकाश बंसल, इंचार्ज, बुंदेला सिक्यूरिटी
रुपए के लिए बनाते हैं दबाव
अस्पताल आने वाले मरीज के परिजनेां का कहना था कि, वार्ड में भर्ती मरीजों से मिलने के लिए जब अस्पताल के गेट पर पहुंचते हैं, तो तैनात सुरक्षाकर्मी प्रति व्यक्ति 100 रुपए की मांग करते हैं, ऐसे में कई भोले-भाले ग्रामीण रुपए देकर मरीज से कुछ देर तक मिलते हैं, लेकिन जो परिजन रुपए देने में असमर्थता जताते हैं, उनको गेट से ही वापस कर दिया जाता है। ऐसे में रविवार को एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें सुरक्षाकर्मियों द्वारा रुपए की मांग की जा रही है, वहीं चार-पांच ग्रामीण उनको रुपए दिए हैं तो उनको अस्ताल में प्रवेश दिया गया है, साथ ही कई परिजनेां को गेट से अनाप-शनाप बोलते हुए वापस कर दिया जा गया है।
बुंदेला कंपनी के हैं गार्ड
रायगढ़ मेडिकल कालेज अस्पताल में सुरक्षा का जिम्मा बुंदेला सिक्यूरीटी कंपनी को दिया गया है, जिससे उक्त कंपनी द्वारा रींवा, राजस्थान सहित अन्य दिगर प्रांत से सुरक्षाकर्मी की भर्ती किया है। साथ ही कुछ स्थानीय युवाओं को भी रखा गया है, लेकिन कंपनी द्वारा स्थानीय युवाओं को 7 से 8 हजार रुपए ही वेतन दिया जाता है, साथ ही दिगर प्रांत के युवाओं को 10 से 12 हजार रुपए महिना के साथ रहना खाना फ्री देते हैं। जिसको लेकर भी यहां स्थानीय सुरक्षाकर्मियों में असंतोष की भावना पनप रही है। हालांकि इसकी जानकारी अस्पताल के अधिकारियों को भी है, लेकिन इसके बाद यह कह कर टाल देते हैं कि यह आउट सोर्सिंग है, जिससे हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, जो करेगा कंपनी करेगा।