रायपुर। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल और संस्कृति विभाग के अधिकारी राजिम कुंभ के भव्य आयोजन की तैयारी में जुट गए हैं। आयोजन में कोई कमी न रह जाए, इसलिए कलेक्टर और संचालक स्तर के अधिकारी इसकी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राजिम कुंभ को बीजेपी सरकार भव्य तरीके से मनाएगी। मेलास्थल को 25 सेक्टरों में बांटा गया है।
इस बार कुंभ में महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, पंडित प्रदीप मिश्रा, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, पंडोखर सरकार जैसे बड़े-बड़े दिग्गज शामिल हो रहे हैं। संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इन धर्म गुरुओं को कुंभ में शामिल होने का न्योता भेजा था, जिसे धर्मगुरुओं ने स्वीकार कर लिया है। धर्मगुरुओं के अलावा काशी, मथुरा, बनारस, अयोध्या, अमरकंटक और चित्रकूट से बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंचेंगे।
देश भर के साधु-संतों को पहुंचा न्योता
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने बताया, कि देश के सभी राज्यों में साधु-संतों को राजिम कुंभ का न्योता भेजा गया है। बड़ी संख्या में व्हीआईपी गेस्ट भी शामिल हो सकते है। इसके लिए तैयारी जोरों पर की जा रही है। सुरक्षा से लेकर उनके रुकने तक के इंतजाम विभागीय अधिकारी कर रहे हैं।
शाही सवारी और अखाड़ा रहेगा केंद्र बिंदु
राजिम कुंभ और उससे जुड़ी कहानियां श्रद्धालुओं और अतिथियों को पता चल सके, इसलिए राजिम मंदिर के चारों ओर परिक्रमा पथ बनाया जा रहा है। मेले को पर्यटन की तर्ज पर बढ़ावा मिल सके, इसलिए दूसरे राज्यों के कारोबारियों को मेला परिसर में दुकानों के लिए जगह दी गई है। कुंभ में आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इसमें अयोध्या, काशी, मथुरा के साधु-संत आएंगे। कुंभ में एक दर्जन से ज्यादा अखाड़ों की शाही सवारी, जुलूस, साधु-संतों का दरबार, झांकियां, नागा साधुओं और धर्मगुरुओं की उपस्थिति खास आकर्षण रहेगी।
मेले में 25 से ज्यादा सेक्टर बनाए जाएंगे
मेले में व्हीआईपी गेस्ट, साधु-संतों, श्रद्धालुओं और पुलिसकर्मियों के रुकने के लिए 25 से ज्यादा सेक्टर बनाए जाएंगे। इन सेक्टरों में रुकने की व्यवस्था के अलावा, शौचालय, नहाने-धोने और भोजन की अलग से व्यवस्था की जाएगी। कुंभ में एक मुख्य स्टेज बनाया जाएगा। इसके अलावा छोटे-छोटे स्टेज अलग से होंगे, जिनमें राजकीय अतिथियों और राजनेताओं को बैठाया जाएगा।
पॉर्किंग बनेगी और रोड मैप जारी होगा
राजिम कुंभ पहुंचने वाले अतिथियों और श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसलिए मेले के चारों तरफ पॉर्किंग बनाई जाएगी। पॉर्किंग का रोडमैप भी जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से जारी किया जाएगा। श्रद्धालुओं को अपनी गाड़ी खड़ी करने में किसी तरह की परेशानी ना हो, इसलिए पॉर्किंग का अलग-अलग स्थान चिन्हांकित किया गया है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कुंभ स्थल पर स्थानीय कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए अलग से मंच बनाया जाएगा। इसमें सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा राजिम के आसपास की सभी सडक़ों की मरम्मत की जाएगी। बिजली कंपनी को लाइटिंग, ट्रांसफॉर्मर, जेनरेटर की व्यवस्था, सजावट, पुल-पुलिया में रोशनी के निर्देश दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ का प्रयाग है राजिम
राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। यहां तीन नदियों महानदी, पैरी और सोंढूर का संगम है। इसे छत्तीसगढ़ का त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है। इसी पवित्र संगम में राजिम कुंभ लगता है। यहां कुलेश्वर महादेव का प्राचीन शिवमंदिर स्थापित हैं। पुराणों के अनुसार, वनवास के दौरान भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ यहां आए थे। कुलेश्वर महादेव की स्थापना भगवान राम ने की थी। इसके अलावा राजिम के प्राचीन राजीवलोचन मंदिर के दर्शन करने भी श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं।
कांग्रेस सरकार ने बदल दिया था नाम
रमन सरकार के कार्यकाल में साल 2006 में राजिम कुंभ की शुरुआत हुई थी। इसका आयोजन 12 सालों तक हुआ। साल 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने कुंभ का नाम बदलकर राजिम माघी पुन्नी मेला कर दिया था। प्रदेश में साय सरकार बनने के बाद फिर से इसका नाम राजिम कुंभ किया।
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