रायगढ़। जिले के उद्योगों के विस्तार व स्थापना को लेकर पर्यावरण प्रेमी व आरटीआई कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने कई सवाल उठाये हैं और विभिन्न न्यायालयों द्वारा दिये गए निर्देशों की भी अनदेखी पर जिला कलेक्टर से कार्रवाई का भी अनुरोध किया है। इस माह व अगले माह के भीतर रायगढ़ जिले में करीब आधा दर्जन और उद्योगों के लगने के साथ-साथ उनके विस्तार संबंधी जन सुनवाई के कारण जिले में प्रदूषण में बढोतरी व दुर्घटनाओं में भी इजाफा होनें का इशारा किया है।
पर्यावरण प्रेमी व आरटीआई कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने इस पूरे मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित रायगढ़ जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर ऐसी जन सुनवाईयों को तत्काल निरस्त करने का भी आग्रह किया है। राजेश त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रस्तावित उत्पादन क्षमता का विस्तार संपज आयरन प्लांट 29700 टीपीए से 21102 00 टीपीए एवं नई सुविधा प्लेट प्लांट 0.6 एमटीपीए और लोह अयस्क लाभकारी 0.8 एमटीपीए को जोडऩे के साथ प्रस्तावित सीसीएस 210000 तप हार्ट सर्चिंग के साथ इंडक्शन फर्नेस रोलिंग मिल 205800 तप फेरो एलिट 9 ’3 सिक्लोमग्जीन 45000 फेरोमैग्नेट 45000 तृतीया और फेरो सिलीकान 22000 की टी पी ए और केवीएस पावर 43 मेगावाट 0.5 मेगावाट से 18 मेगावाट डब्ल्यू एच आर बी और 25 मेगावाट एफबीसी की आयोजित होने वाली जनसुनवाई का हम निम्न बिंदुओं के आधार पर विरोध करते हैं।
अपने पत्र में पर्यावरण प्रेमी राजेश त्रिपाठी ने बताया है कि सुनील स्पज प्राइवेट लिमिटेड सराईपाली की स्थापित क्षेत्र में पहले से लगभग छोटे-बड़े 73 स्पंज आयरन और पावर प्लांट स्थापित है जिसके कारण व्यापक पैमाने पर जल प्रदूषण वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण के कारण जनजीवन पर व्यापक पैमाने पर प्रभाव पड़ रहा है इसलिए सुनील इस्पात प्राइवेट लिमिटेड सराईपाली की जनसुनवाई को विस्तार न देते हुए तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए।
इस पत्र में यह भी बताया गया है कि सुनील इस्पात प्राइवेट लिमिटेड सरायपाली में विस्तार होने जा रहा है इस ग्राम पंचायत में पहले से सिलिकोसिस जैसे गंभीर बीमारियों से कई पीडि़त प्रभावित हैं जिनके उपचार हेतु आज पर्यंत तक किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई उक्त सिलिकोसिस प्रभावितों में से अब तक की 14 लोगों की मौत हो चुकी है जिसकी जानकारी मेसर्स सुनील स्पज प्राइवेट लिमिटेड सराईपाली द्वारा अपने ई आई ए में नहीं दी गई है जिससे यह साबित होता है की कंपनी द्वारा जो ई आई ए बनाया गया है वह जमीनी स्तर पर अध्ययन करने वाली कंपनी द्वारा नहीं बनाया गया है एवं व्यापक पैमाने पर झूठी जानकारी आम जनमानस को उपलब्ध कराई गई है इसलिए उक्त क्षेत्र में जमीनी स्तर पर पर्यावरणीय अध्ययन करने उपरांत ही उपरोक्त पर्यावरणीय जनसुनवाई करवाने का निर्णय लिया जाना चाहिए।
उनके अनुसार सुनील इस्पात प्राइवेट लिमिटेड सराईपाली क्षेत्र में होने वाले विस्तार परियोजना से व्यापक पैमाने पर जल प्रदूषण वायु प्रदूषण एवं धन प्रदूषण का विस्तार होगा जिससे यहां के जनजीवन जल जंगल जमीन जीव और जानवरों पर व्यापक प्रमाण पैमाने पर प्रभाव पड़ेगा जिससे उक्त उद्योग का विस्तार की अनुमति देना पर्यावरणीय मापदंडों का उल्लंघन होगा इसलिए उक्त परियोजना को विस्तार देने की अनुमति प्रदान ना किया जाए
विस्तार परियोजना क्षेत्र से जहां एक तरफ राम झरना सिंघनपुर गुफा जैसे पुरातत्व स्थल मौजूद हैं जिन पर उक्त परियोजना विस्तार के बाद व्यापक पर मरने पर प्रभाव पड़ेगा एवं उक्त क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर संरक्षित वन उपलब्ध है जिन पर आसपास के निवासरथ आदिवासी ग्रामीणों द्वारा अपना जीवन यापन बानो उपज संग्रह करके किया जाता है जिसका प्रभाव सीधे-सीधे आदिवासी समुदाय के जीवन पर व्यापक पैमाने पर पड़ेगा इसलिए उक्त परियोजना के विस्तार की अनुमति प्रधान नहीं किया जाना चाहिए
उक्त कंपनी द्वारा उक्त कंपनी द्वारा पूर्व से ही व्यापक पैमाने पर उद्योग संचालन हेतु भूजल दोहन व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है जो कंपनी के विस्तार परियोजना के बाद लगभग भूजल दोहन की मात्रा 7 गुना और बढ़ जाएगी जिससे आसपास के क्षेत्र में अन्य उद्योगों के साथ-साथ व्यापक पैमाने पर भूजल दोहन करने से जल स्तर में व्यापक पैमाने पर गिरावट आएगी जिसका असर आसपास के ग्राम ऑन के पेयजल के निस्तारण पर व्यापक पैमाने पर पड़ेगा इसलिए उपरोक्त कंपनी के विस्तार की जनसुनवाई निरस्त कर पर्यावरणीय संरक्षण माप दण्डों का पालन किया जाना उचित होगा।
समस्त जानकारी देते हुए राजेश त्रिपाठी ने आग्रह किया है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आगामी दिनों में होनें वाली जनसुनवाई को निरस्त करें और साथ ही साथ उद्योगों के विस्तार देने संबंधी आदेश देने से पहले गंभीरता से इस बात में विचार करें कि लगातार लग रहे उद्योगों से जन जीवन पर कितना असर पड रहा है।
उद्योगों की स्थापना व जन सुनवाई पर तत्काल लगे रोक – राजेश त्रिपाठी
कहा- जिले में बढ़ते प्रदूषण व दुर्घटनाओं पर हो गंभीरता से विचार
