रायगढ़। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ ग्रामीण अब गांव-गांव में होने वाले अवैध कब्जा की शिकायत लेकर कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं। आज मंगलवार को कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में रायगढ़ जिले के अलग-अलग क्षेत्र से ग्रामीण पहुंचे थे। खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कछार की सरकारी भूमि पर पंचायत के पदाधिकारियों द्वारा बीते 10-15 वर्षों से अवैध कब्जा जमा लेने की ग्रामीणों ने शिकायत की। इसी तरह जिला मुख्यालय से लगे अमलीभौना गांव में आम रास्ता पर एक व्यापारी द्वारा कब्जा कर ग्रामीणों की आवागमन पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई। ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी इसकी शिकायत की गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई अब भाजपा की सरकार बनने से अवैध कब्जा जमाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई होने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल रायगढ़ जिले में लंबे अरसे से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने की लगातार शिकायत मिल रही थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही थी। जिससे ग्रामीण बेहद निराश थे। बताया जाता है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ग्रामीणों को अवैध कब्जा करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई होने की आस जगी है। इसी क्रम में कलेक्टर के जनदर्शन में ग्रामीण क्षेत्रों से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा के विरुद्ध शिकायत आने लगी है। आज मंगलवार को कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में खरसिया विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कछार के ग्रामीण पहुंचे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत की सरकारी जमीन पर गांव के कुछ दबंग लोगों के अलावा पंचायत के पदाधिकारी अवैध कब्जा कर लिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध कब्जा करने का यह मामला बीते 10-15 वर्षों से लगातार चल रहा है। इसकी शिकायत भी ग्रामीणों द्वारा पहले भी की जा चुकी है। लेकिन कैबिनेट मंत्री के आदमी होने की धमकी दी जाती रही है। और कार्रवाई नहीं होने दिया जा रहा था। ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम लिखे शिकायती पत्र में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कराने में सरपंच और उप सरपंच की मुख्य भूमिका होती है। मौजूदा दौर में दिनेश कुमार निराला वर्तमान सरपंच के पति द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। इसी तरह डोलनारायण उप सरपंच, इंदर पटेल पूर्व उपसरपंच ग्राम पंचायत कछार, मंगल पटेल जैसे कई लोगों ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। कब्जा हटाने की शिकायत पंचायत में करने पर उल्टा ग्रामीणों को धमकी दी जाती है जिससे एक बार फिर अवैध कब्जा हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने ग्राम पंचायत कछार के लोगों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है। दूसरी तरफ जिला मुख्यालय से लगे अमलीभौना के ग्रामीण भी अमलीभौना से कोसमनारा जाने के आम रास्ते के रूप में सैकड़ो वर्ष से उपयोग किए जाने वाले रास्ते पर अब रोक लगाए जाने पर आवागमन मार्ग में की गई बाधा को तत्काल हटाने की मांग की है। बताया जाता है कि अमलीभौना के ग्रामीण कलेक्टर जनदर्शन में मामले की शिकायत करने पहुंचे थे। ग्रामीणों ने शिकायत पत्र में उल्लेख किया है कि राजेश अग्रवाल और मुकेश अग्रवाल द्वारा आम रास्ता को बंद कर दिया गया है। जबकि खसरा नंबर 20, 21, 11 एवं 6 ग्राम अमलीभौना से कोसमनारा जाने के आम रास्ते के रूप में सैकड़ो साल से उपयोग में लाई जा रही है। तथा मिसल बंदोबस्त और चकबंदी नक्शा में भी उक्त भूमि आम रास्ता के रूप में दर्ज है। इसी तरह खसरा नंबर 21/322 में स्थित तालाब भी सार्वजनिक निस्तार के मद में सभी पुराने दस्तावेजों में दर्ज है। परंतु उक्त भूमि और तालाब में अलग-अलग तरह से निर्माण कार्य कर ग्रामवासियों के आवागमन मार्ग को रोका जा रहा है। एवं आवागमन के मार्ग में बाउंड्रीवाल खड़ा कर अवरोध उत्पन्न किया जा रहा है।
चालू नक्शा में प्रविष्टि कराने की मांग
अमलीभौना के ग्रामीणों ने सार्वजनिक उपयोग के निस्तारित तालाब को निजी स्विमिंग पूल बनाने का प्रयास करने की शिकायत की है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से किए गए शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा है कि राजस्व अधिकारियों के समक्ष कई बार इस संबंध में शिकायत की गई, परंतु शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। ग्रामीणों ने अमलीभौना की भूमि खसरा नंबर 20, 21, 11 एवं 6 के चालू नक्शा में मिसल नक्शा और चकबंदी नक्शा अनुरूप प्रविष्टि दर्ज कराने की मांग करते हुए आवागमन के मार्ग में की गई बाउंड्रीवाल को तत्काल हटाने की गुहार लगाई है।
अवैध कब्जा के खिलाफ शिकायत लेकर कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे ग्रामीण
ग्राम पंचायत कछार की सरकारी भूमि पर पंचायत पदाधिकारी कर रहे अवैध कब्जा, अमलीभौना कोसमनारा आम रास्ते पर बाउंड्रीवॉल निर्माण कर कब्जा, कछार और अमलीभौना के वसींदों ने कब्जा हटाने लगाई गुहार
