रायगढ़। क्षेत्र की हवा जहरीली होती जा रही है। उद्योग घरानों द्वारा किए जा रहे लापरवाही के चलते क्षेत्र की हवा जहरीली होती जा रही है। क्षेत्रवासी एन एच49 से होकर जिला,तहसील मुख्यालय आना जाना होता है। चपले, कुनकुनी, रानीसागर अधिकतर इसी सडक़ पर टू व्हीलर्स व फोर व्हीलर्स वाहनों का आवाजाही से उडऩे वाले धूल का गुबार उठता है। नाक,मुंह से थोक के भाव धूल सीधे शरीर के अंदर पहुंच रही है। क्षेत्र की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से लगभग कई गुना अधिक प्रदूषित है।
शरीर में जा रहा जहर
धूल में सिलिका,लेड,आयरन, कोयला और रेत जैसे खतरनाक तत्व मौजूद हैं,जिसके चलते लोग कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। अगर इनकी मात्रा ज्यादा हुई तो उनका हार्ट फेल हो सकता है। लगातार आंखों में धूल के जाने से रोशनी भी जा सकती है।
घरों में जम जाती है परत
टेमटेमा स्थिति उद्योग के लापरवाही से क्षेत्र के निवासी न केवल गंदगी से जूझ रहे हैं बल्कि बीमार भी पड़ रहे हैं। घर में एक दिन के अंदर ही इतनी मोटी धूल की परत जम जाती है मानो घर में महीनों से सफाई न हुई हो। धूल के कारण बाहर निकलना दूभर हो गया है। यहां तक कि घरों में आ रही धूल-मिट्टी से इलाके में खांसी और सांस की बीमारी होने का खतरा मंडराने लगा है। लगता है, अब तो घरों के अंदर भी मास्क लगाकर रहना पड़ेगा।
धूल से सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ता है। सडक़ पर उड़ रही धूल से पहले से ही अस्थमा से पीडित पेशेंट्स की हालत और गंभीर हो जाती है। धूल से बचने के लिए मास्क लगाकर निकलें। सांस लेने में ज्यादा दिक्कत हो तो तुरन्त डॉक्टर से सलाह लें। जिम्मेदार अफसरों से क्षेत्र के किसान शिकायत दर्ज करा चुके हैं अब जांच पड़ताल जारी है।
उड़ रही मिट्टी व धूल के कारण बढ़ रहे हैं सांस के रोगी
क्षेत्र की आबोहवा की हुई जांच में चौकाने वाला हुआ खुलासा, पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र की हवा मानक से कई गुना अधिक प्रदूषित
