रायगढ़. शहर में कोरोना संक्रमण फिर से पांव पसारने लगा है। जिससे विगत दो दिनों से लगातार संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है, जिससे गुरुवार को जिला अस्पताल के एक कर्मचारी संक्रमित पाया गया है। जिसको देखते हुए जांच बढ़ा दी गई है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी में है। साथ ही इन दिनों जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल में भी सैंपलिंग की जा रही है। इस दौरान सदी-खांसी से पीडि़त होकर अस्पताल आने वाले मरीजों की कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया गया है। जिसको लेकर अभी शहर में दो जगहों पर कोविड जांच की जा रही है। जिसमें हर दिन 100 से 150 मरीजों की जांच हो रही है। हालांकि अभी इक्का-दुक्का केस सामने आ रहा है। ऐसे में अगर अभी से सावधानी नहीं बरती गई तो पहले की तरह केस बढऩे की संभावना जताई जा रही है। साथ ही इन दिनों अस्पताल आने वाले मरीजों को मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है। ताकि संक्रमण का फैलाव न हो सके। ऐसे में गुरुवार को जांच के दौरान जिला अस्पताल के एक कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाया गया है। जिससे होम आईसोलेशन में रखकर उपचार किया जा रहा है। हालांकि अभी जिले में जेएन-1 का एक भी केस भी सामने नहीं आया है, लेकिन जिन मरीजों का एंटीजन कीट में पाजेटिव आ रहा है उसका सैंपल पहले आरटीपीसीआर कराया जा रहा है, वहीं सूत्रों के अनुसार अभी तीन लोगों का पुष्टि होने के बाद इनका सैंपल रायपुर एम्स भेजने की तैयारी चल रही है, वहां जांच के बाद ही पता चला चलेगा कि यह संक्रमण जेएन-1 है या नहीं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से यह अपील कर रही है कि कोविड गाइड लाइन का पालन करें।
पहले की तरह ही दो गज की दूरी मास्क है जरूरी की थीम पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गाइड लाइन के अनुसार एक-दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाकर रखें। सर्दी-खांसी, बुखार होने पर आरटीपीसीआर कोविड जांच कराएं। भीड़-भाड़ वाले जगहों में जाने से बचें। साथ ही बार-बार साबुन से हाथ धोए व सिनेटाईजर का उपयोग करें करें।
170 सैंपल की हुई जांच
गुरुवार को जिला अस्पताल व रामभाठा स्वास्थ्य केंद्र में 170 सैंपल लिया गया था, जिसमें मात्र एक व्यक्ति ही संक्रमित पाया गया है। ऐसे में उपचार कराने आने वाले मरीजों को कोविड जांच की सलाह दी जा रही है। ताकि समय से पहचान होने पर उसका बेहतर उपचार हो सके। वहीं अधिकारियों की मानें तो अगर मरीजों की गंभीर स्थिति बनती है तो उसके लिए पहले से वार्ड तैयार करके रखा गया है, ताकि भर्ती कर उपचार किया जा सके, लेकिन अभी जो संक्रमित मिल रहे उसका असर कम होने के कारण पांच दिन में स्वस्थ हो जा रहे हैं। जिसके चलते फिलहाल होम आइसोलेशन में ही उपचार किया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में सीएचएमओ डॉ. आरएन मंडावी का कहना है कि अभी नया साल आ रहा है, इस समय जगह-जगह आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। ऐसे में संक्रमण को देखते हुए भीड़ से बचने की जरूरत है। साथ ही घर से निकलने समय मास्क लगाकर निकले और एक दूसरे के संपर्क में आने बचे।
जिले में फिर से बढऩे लगे कोरोना संक्रमित मरीज
जिला अस्पताल का कर्मचारी मिला कोरोना संक्रमित, संक्रमितों की संख्या हुई तीन
