रायपुर। भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम अपने समापन पर विशेष क्षण का साक्षी बना, जब जशपुर जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में देशभर से प्रोफेसर, वरिष्ठ विशेषज्ञ और नीति-निर्माता मौजूद थे। इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ के 25 जिला पंचायतों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष शामिल हैं। जशपुर का प्रतिनिधित्व करते हुए सालिक साय ने पहले ही दिन प्रभावी वक्तव्य और सशक्त प्रेज़ेंटेशन से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने परिचय सत्र में जशपुर के विकास मॉडल, उपलब्धियों और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की जनकल्याणकारी योजनाओं का विस्तृत उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि जशपुर में पर्यटन विकास नए आयाम गढ़ रहा है। चाय, सेव और नाशपाती की खेती किसानों के लिए नई आशा बनकर उभर रही है। वहीं, ‘जशपयोर’ ने महिलाओं के कौशल विकास और उद्यमिता को नई दिशा प्रदान की है। प्रशिक्षण सत्रों के दौरान प्रतिभागियों में जशपुर मॉडल को लेकर खास उत्साह देखा गया। कई प्रतिनिधियों ने इसे ग्रामीण विकास का उभरता हुआ सक्सेस मॉडल बताया और इसकी कार्यप्रणाली को समझने में विशेष दिलचस्पी दिखाई। सालिक साय के विचारों तथा जशपुर की प्रगतिशील पहल की प्रशिक्षकों और प्रतिभागियों ने सराहना की। आयोजकों का मानना है कि जशपुर की विकास गाथा ग्रामीण भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आने वाले दिनों में प्रतिभागियों को पंचायत प्रबंधन से लेकर डिजिटल गवर्नेंस, नीति-निर्माण और सामाजिक विकास तक विभिन्न विषयों पर गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा। ढ्ढढ्ढरू रायपुर का यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों के लिए ज्ञान और अनुभव का महत्वपूर्ण मंच साबित हो रहा है।



