जांजगीर-चांपा। प्रत्येक व्यक्ति को गौ सेवा अवश्य करनी चाहिए। जहां पर गौ माता सुखी होती है, वहां की सारी प्रजा सुखी एवं संपन्न हो जाते हैं। गौ माता के शरीर में संसार के समस्त देवी देवताओं का वास होता है। एक गौ माता की सेवा से संसार के सभी देवी- देवता प्रसन्न हो जाते हैं। यह बातें अवधपुरी धाम उत्तर प्रदेश से पधारे हुए अनंत श्री विभूषित श्री स्वामी मधुसूदनाचार्य वेदांताचार्य जी महाराज ने श्री शिवरीनारायण मठ महोत्सव में भारी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए अभिव्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कितना भी बड़ा महल बना लो यदि गृहणी नहीं है तो वह घर नहीं हो सकता। तीर्थ में किया हुआ पाप बज्र के समान होता है, तीर्थ में जाकर कभी भी पाप मत करना! राम जन्मभूमि, कृष्ण जन्म भूमि, शबरी जन्मभूमि के रज के कण-कण का महत्व है। यहां पर जाओ तो पुण्य कमा करके जाओ। माता यशोदा, भगवान कृष्ण चंद्र जी को सुलाने के लिए भगवान राम की कहानी सुनाती हैं और कहती हैं कि पंचवटी में सीता का हरण रावण ने कर लिया, इतना सुनते ही कृष्ण जी आवेश में आकर बोलते हैं कि सौमित्र मेरा सारंग धनुष लाओ, मैं रावण को एक ही बाण में मार कर नष्ट कर दूंगा। उन्हें अपने अगले जन्म की बातें याद आ गई। जो राम है वही कृष्ण हैं और जो कृष्ण है वही राम जी हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तीर्थ यात्रियों को शिवरीनारायण की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। यहां विलक्षण कृष्णवट वृक्ष है, जिसके पत्ते दोने के आकार के हैं। ऐसा विलक्षण वृक्ष विश्व के किसी तीर्थ में नहीं है। तीर्थ को संत ही पवित्र करते हैं। यहां तो बंदिनीय संत विद्यमान है।
भारी संख्या में उपस्थित हुए श्रोता
शिवरीनारायण श्रद्धा एवं विश्वास की पावन धरा है। प्रत्येक व्यक्ति यहां पहुंचकर पुण्य लाभ अर्जित करना चाहते हैं। शनिवार को दोपहर लोग काफी संख्या में उपस्थित हुए। श्रोताओं की संख्या इतनी अधिक थी कि मठ का पूरा परिसर खचाखच भरा था। रविवार को भीड़ और अधिक होने की संभावना है।
सीताराम विवाह महोत्सव की धूम
जैसे-जैसे श्री सीताराम विवाह महोत्सव की तिथि नजदीक आते जा रही है, शिवरीनारायण में चारों ओर विवाह महोत्सव की धूम मची हुई है। लोग उस पल की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि जब वे भगवान के बाराती बनेंगे। उल्लेखनीय है कि मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष पंचमी तद्नुसार 25 नवंबर 2025 को सांध्य कालीन बेला में भगवान की बारात धूमधाम के साथ निकाली जाएगी। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज प्रत्येक दिवस की तरह मुख्य यजमान के रूप में मंचासीन थे।
तीर्थ यात्रियों को शिवरीनारायण धाम की यात्रा अवश्य करनी चाहिए स्वामी : मधुसूदनाचार्य



