पखांजुर। अबूझमाड़ के तलहटी क्षेत्र कांकेर जिले के अंतिम छोर जहां आवागमन की साधन नहीं, नाव के सहारे पहुंचा जाता है ऐसे क्षेत्र कंदाड़ी में शिक्षकों की पहल से शासन द्वारा जारी निर्देशानुसार धूमधाम से बाल मेला, एफ एल एन मेला और जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों के द्वारा पढ़ाई का स्तर को बनाए रखने हिंदी, अंग्रेजी, गणित विषय की अवधारणा स्पष्ट करने चार्ट माडल द्वारा विभिन्न गतिविधियां कराकर बच्चों ने अपना हूनर दिखाई। बच्चों के द्वारा जनजातीय पखवाड़ा और बाल मेला अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता, खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित हुई। बच्चों के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें पालकों और बच्चों में भी उत्साह का माहौल देखने को मिला। सभी लोगों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम से बच्चों का सर्वांगीण विकास में सहायक होता है। राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक डॉ कृष्णपाल राणा द्वारा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु जी के योगदान, जल जंगल जमीन के संरक्षण का संदेश देने वाले धरती आबा बिरसा मुंडा, शहीद गेंदसिंह, वीर नारायण सिंह, रानी दुर्गावती, सुखदेव पातर, इंदरू केंवट, कंगलू कुम्हार, चिंतु देहारी, गुंडाधूर जैसे स्वतंत्रता सेनानीयों के बलिदान और उनके योगदान को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। जनजातीय पखवाड़ा के अवसर पर बच्चों के द्वारा परलकोट के जमिंदार भूमिया राजा गेंदसिंह बाऊ जी के जीवन पर शानदार नाटक प्रस्तुत किया गया। सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया और सभी उपस्थित बच्चों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ कृष्णपाल राणा, राजेश खरे, सत्यप्रकाश भार्गव संजीत कुमार साना एवं सभी पालक बच्चों का महत्वपूर्ण।



