रायगढ़। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के कुशल मार्गदर्शन और जिले के पुलिस अधिकारियों की सक्रियता से अवैध शराब उन्मूलन एवं नशा विरोधी अभियान को लेकर सतत और सशक्त प्रयास जारी हैं। जिले में प्रतिदिन थाना और चौकी क्षेत्र के पुलिस अधिकारी अपने अमले के साथ गांव-गांव पहुंचकर चौपाल लगाते हुए लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत करा रहे हैं तथा महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देते हुए महिला समितियों का गठन कर रहे हैं। इन समितियों के माध्यम से अब गांवों में नशामुक्त वातावरण तैयार हो रहा है और सामाजिक सौहार्द में भी उल्लेखनीय सुधार देखा जा रहा है।
महिला समिति की सदस्याएं नशे के खिलाफ इस अभियान की प्रमुख शक्ति बन गई हैं। वे पुलिस टीमों के साथ मिलकर गांवों में निरंतर गश्त करती हैं, शराब बनाने और बेचने वालों पर पैनी नजर रखती हैं और पुलिस को हर संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत देती हैं। कई स्थानों पर इन महिला समितियों ने स्वयं आगे बढक़र अवैध शराब बनाने वाले स्थलों की सूचना दी, जिस पर पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए शराब जब्त की और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।
इस सक्रियता के परिणामस्वरूप अब गांवों में अवैध शराब की उपलब्धता में भारी कमी आई है। नशे के कारण होने वाले घरेलू विवाद और आपसी झगड़े में कमी आ रही है । ग्रामीणों में जागरूकता और अनुशासन की भावना विकसित हुई है, वहीं महिलाएं अपने गांव को नशामुक्त बनाने के लिए एकजुट होकर प्रेरक उदाहरण पेश कर रही हैं।
पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल ने नशा विरोधी अभियान को जन आंदोलन के रूप में सफल बनाने हेतु सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे निरंतर ग्रामीणों से संवाद बनाए रखें और महिला समितियों के सहयोग से इस अभियान को और सशक्त बनाएं। उनका कहना है कि जब महिलाएं किसी सामाजिक सुधार की कमान संभालती हैं तो परिवर्तन निश्चित होता है, और जिले के ये प्रयास उसी दिशा में सशक्त कदम हैं।
महिलाओं की अगुवाई में नशामुक्ति की ओर बढ़े गांव
पुलिस अभियान का दिख रहा व्यापक असर



