रायगढ़। जिले में एसईसीएल की बरौद-बिजारी खदान के सामने सोमवार को ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीण रोजगार, सडक़, बिजली, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे थे। करीब 6 घंटे चले आंदोलन के बाद खदान प्रबंधन ने लिखित में आश्वासन दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया। दरअसल, सुबह करीब 7 बजे बिजारी, पोंडा, औरामुड़ा, बरौद और पतरापाली गांवों के 60 से 70 ग्रामीण एसईसीएल की खदान के मुख्य गेट पर पहुंचे। उन्होंने खदान का संचालन रुकवाते हुए गेट के सामने बैठकर प्रदर्शन शुरू किया। ग्रामीणों ने अपनी 8 सूत्रीय मांगें रखीं और कहा कि जब तक इन पर कार्रवाई नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा।
ग्रामीणों ने कहा कि, ग्राम औरामुड़ा में दो बोरवेल, पानी टंकी, तालाब पचरीकरण, सडक़ और लाइट की व्यवस्था तुरंत की जाए। साथ ही मुड़ादीपा मोहल्ला में भी सडक़, बोरवेल, पानी टंकी और लाइट की मरम्मत की जाए।
बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल करने की मांग
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि, फगुरम और औरामुड़ा बस्ती के दुर्गेश कुमार, लोकनाथ, भिखारीलाल, चीरू सिंह, घनश्याम, बेवा मिलन, जगन्नाथ बैरागी और गरजू को एसईसीएल हसदेव क्षेत्र से नौकरी से हटाया गया है।इन सभी को फिर से बरौद खदान में पदस्थापित किया जाए।इसके अलावा गांव के बेरोजगार युवाओं को ठेका श्रमिक के रूप में रोजगार देने की भी मांग की गई। ग्रामीणों का कहना था कि, खदान से प्रभावित परिवारों को न मुआवजा मिला, न विस्थापन लाभ। जिन लोगों की नौकरी की प्रक्रिया चल रही है, उन्हें शीघ्र नियुक्ति दी जाए। जिनके घर खदान के कंपन से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें मरम्मत के लिए मुआवजा दिया जाए। साथ ही गांव के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र में बिजली और लाइट की व्यवस्था की जाए।
खदान प्रबंधन ने 30 दिन में कार्रवाई का दिया भरोसा
ग्रामीणों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही एसईसीएल प्रबंधन, खदान अधिकारी और पुलिस टीम मौके पर पहुंची।काफी देर चली बातचीत के बाद खदान प्रबंधन ने 30 दिन के भीतर मांगों पर कार्रवाई का लिखित आश्वासन दिया।इसके बाद ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त किया।
बरौद में एसईसीएल खदान के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन
6 घंटे बाद मिला लिखित आश्वासन, तब जाकर खत्म हुआ आंदोलन, सडक़-बिजली-पानी की मांग



