खरसिया। छठपूजा को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर देखा गया। छठघाट पर सुंदर सजसज्जा और रोशनी जगमगाने लगी। विद्युत झालरों की चमक के साथ गूंजते पारम्परिक छठ गीतों ने माहौल को और अधिक भक्तिमय बना दिया। महिलाओं ने सुसज्जित होकर पूरे नियम निष्ठा के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत निभाते हुए अष्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।
छठ महापर्व के तीसरे दिन छठव्रतियों के साथ अनेक आस्थावान महिलाओं ने भी संध्याकाल में ढलते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। वहीं छठव्रतियों के पति भी पूर्ण श्रद्धाभाव से पूजा में सम्मिलित हुए। पूरा घाट छठ मैया की भक्तिमय माहौल से सराबोर रहा। नगर पालिका के उपाध्यक्ष अवधनारायण बंटी सोनी सहित आनंद अग्रवाल, राहुल अग्रवाल एवं अनेक लोगों ने श्रद्धाभक्ति पूर्वक अस्ताचलगामी सूर्य को अरग प्रदान किया।
छठ महापर्व को लेकर महिलाओं ने गुड़ की खीर खाकर 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू किया। वहीं सोमवार की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। महापर्व के लिए छठ घाटों व सरोवरों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया। जहां छठी मईया के मंगल गीत गूंजते रहे। व्रती महिलाओं ने रविवार को खरना की परंपरा निभाई। शाम को स्नान कर नए वस्त्र धारण किए। शुद्धता व पवित्रता का ध्यान रखते हुए मिट्टी के नए चूल्हे पर गुड़ की खीर और घर पर तैयार किए गए आटे की रोटियां बनाई गईं। चूल्हे में आम की लकडिय़ों का इस्तेमाल किया गया। छठी मईया को भोग लगाने के बाद खीर खाकर 36 घंटे का निर्जल उपवास शुरू किया। इस दौरान महिलाओं ने छठी मईया के गीत भी गाए। वहीं सोमवार को पूर्णनिष्ठा पूर्वक अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया।
व्रतियों अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य
छठ घाट पर गूंज रहे गीत- सैयां लेके चला माई के बहंगिया



